
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrapur MNREGA News: केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत संपत्ति पर होने वाले कामों की आर्थिक मर्यादा बढ़ाने का अहम फैसला लिया है। अब तक कुएं, खेत तालाब, जमीन के विकास आदि के लिए यह सीमा 2 लाख रुपये थी। जो अब बढ कर सीधे 7 लाख कर दी गई है। इस फैसले से चंद्रपुर जिले के हजारों किसानों के अटके काम पूरे होने से राहत मिलेंगी।
चंद्रपुर जिले में ग्राम पंचायत, लोकनिर्माण कार्य विभाग, वनविभाग, बांधकाम विभाग, सामाजिक वनीकरण, कृषि विभाग में करीब 5 हजार 500 काम चल रहे हैं। अभी राज्य में मनरेगा के तहत 10।89 लाख अलग-अलग कामों की प्रक्रिया चल रही है।
आर्थिक मर्यादा काफी न होने की वजह से इन कामों को जारी रखने में बड़ी मुश्किलें आ रही थीं। कई जिलों में कुएं, खेत तालाब, डैम, जमीन लेवलिंग जैसे काम बीच में ही रोकने पड़े थे। प्रशासन ने संभावना जताई है कि केंद्र के नए फैसले के बाद इन सभी कामों में तेज़ी आएगी। नई मंज़ूरी के लिए मनरेगा सॉफ्टवेयर को तकनीकी दृष्टि से अपडेट भी किया गया है। निजी लाभार्थी इस बदलाव से 68 तरह के किसान लाभ के नए काम जुड़ेंगे।
मनरेगा योजना के तहत अतिरिक्त मजदूरी, प्रस्ताव पंजीयन और कामों की प्रगति के पंजीयन की प्रक्रिया में लगातार रुकावटों की शिकायतों के समाधान के तौर पर, केंद्र सरकार ने अब मनरेगा सॉफ्टवेयर में बड़े सुधार किए हैं। राज्य में 10.89 लाख कामों की हेराफेरी टलने का दावा किया जा रहा है।
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मनरेगा योजना में आर्थिक मर्यादा की रुकावट हटने से राज्य में 10.89 लाख लंबित कामों की हेराफेरी टल गई है। पहले कई काम दो लाख रुपये की लिमिट की वजह से अटके हुए थे। अब यह लिमिट 7 लाख कर दी गयी है।
चंद्रपुर उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मनरेगा) आशुतोष सपकाल ने कहा कि पहले किसानों को सिंचाई गहरीकरण, छोटा तालाब गहरीकरण, झील गहरीकरण जैसे कई तरह के काम करने में दिक्कतें आती थीं। लेकिन अब राशि की मर्यादा बढ़ाने से यह दिक्कत दूर हो जाएगी।






