मामा तालाब के बांध से बहता पानी (फोटो नवभारत)
Chandrapur News In Hindi: चंद्रपुर जिले की नागभीड़ तालुका के सावगी बडगे में पूर्व मालगुजारी तालाब के तटबंध का निर्माण तीन महीने पहले किया गया था। हालांकि, दो दिनों तक हुई भारी बारिश के कारण मामा तालाब का तटबंध टूट गया। सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। इसलिए, तीन महीने पहले किए गए घटिया निर्माण को लेकर रोष व्यक्त किया जा रहा है। संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किसानों की ओर से की जा रही है।
जल संरक्षण विभाग, कार्यकारी अभियंता, जिला चंद्रपुर द्वारा आदिवासी योजना के माध्यम से आदिवासी गांवों और अनुसूचित जनजातियों के लिए मामा तालाब का काम वर्ष 2023-24 में लगभग 30 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया था। विचाराधीन मामा तालाब का निर्माण मजूर सहकारी संस्था द्वारा किया गया था।
मामा तालाब के निर्माण कार्य के दौरान किसानों ने आरोप लगाया था कि निर्माण कार्य घटिया स्तर का हो रहा है। हालांकि, चंद्रपुर के सिंचाई अभियंता ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने उस जगह का दौरा तक नहीं किया जहां घटिया निर्माण हो रहा था। यहां के किसानों ने अभियंता पर यही आरोप लगाया है।
जलमग्न हुआ इलाका (फोटो नवभारत)
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इस हिस्से पर एक पत्थर भी नहीं रखा गया। इस वजह से दो दिनों से हो रही बारिश के कारण तालाब की घटिया हालत टूट गई। यहां के किसान तालाब निर्माण में शामिल ठेकेदार और अभियंता के खिलाफ सख्त कार्रवाई और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
तालाब में दरार आने से सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न हो गई। किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। साथ ही, तालाब में मछली पकड़ने वाले लोगों को भी भारी नुकसान हुआ क्योंकि उनकी मछलियां पानी में बह गईं।
हालांकि, संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों ने होमदेव शेंडे और सावगी व पलसगांव के अन्य किसानों की मांग के अनुसार, क्षतिग्रस्त निर्माण की संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच, तलाठी से हुए नुकसान और संबंधित इंजीनियर व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।