कार्यक्रम को संबोधित करते अतिथि (फोटो नवभारत)
Adi Karmayogi Abhiyan In Chandrapur: चंद्रपुर जिले में आदिवासी समुदायों के विकास को गति देने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी पहल, ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ का आगाज किया गया है। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत, जिले के सभी आदिवासी गांवों के लिए एक व्यापक विकास योजना तैयार की जाएगी। इसका अंतिम लक्ष्य इन गांवों को वर्ष 2047 के विकसित भारत की परिकल्पना में शामिल करना है।
वन अकादमी में आयोजित ‘आदि कर्मयोगी प्रशिक्षण कार्यशाला’ का उद्घाटन करते हुए, जिला कलेक्टर विनय गौड़ा जी.सी. ने इस अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस योजना की सफलता जनभागीदारी पर निर्भर करती है, और इसके माध्यम से एक उत्कृष्ट ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार किया जाना चाहिए। कलेक्टर ने बताया कि यह अभियान आदिवासी क्षेत्रों में शासन और सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास है।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी पुलकित सिंह और परियोजना अधिकारी विकास राहेलवार भी उपस्थित थे। कलेक्टर गौड़ा ने बताया कि यह अभियान सेवा, समर्पण और संकल्प के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अंतिम छोर तक लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन अभियान, और एकलव्य आवासीय विद्यालय विस्तार एवं छात्रवृत्ति योजना जैसी केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनभागीदारी के साथ मिलाकर एक ग्राम-वार योजना तैयार की जाएगी।
‘आदि कर्मयोगी अभियान‘ का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में 20 लाख परिवर्तनकारी नेताओं का एक कैडर तैयार करना है, जो आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चंद्रपुर में, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य, जिला और तहसील स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं। ये मास्टर ट्रेनर इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और फिर ग्राम स्तर पर इसे लागू करने के लिए अन्य लोगों को प्रशिक्षित करेंगे।
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कलेक्टर गौड़ा ने कार्यशाला में मौजूद सभी प्रशिक्षुओं से इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने और पूरी प्रक्रिया को गहराई से समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने का एक मिशन-आधारित प्रयास है। यह अभियान जमीनी स्तर पर शासन में आमूल-चूल परिवर्तन लाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि विकास का लाभ हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे।
इस पहल से चंद्रपुर के आदिवासी गांवों में एक नई उम्मीद जगी है कि उनका भविष्य उज्ज्वल होगा और वे भी विकसित भारत की यात्रा में समान रूप से भागीदार होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान किस तरह से जमीनी स्तर पर सफलता प्राप्त करता है और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में कैसे योगदान देता है।