भंडारा न्यूज
Bhandara News: भंडारा जिले को तालाबों के जिले के रूप में जाना जाता है। वहीं इस जिले की तहसील में बड़े पैमाने पर जंगल होने के कारण कई गांव जंगलों के किनारे बसे हुए हैं। इन वनों से सटे गांवों में वन अधिकार समितियों का गठन किया गया। और उन्हें जंगलों की रक्षा के कई अधिकार दिए गए।
हालांकि, अब तस्वीर यह है कि कई गांवों में ये वन अधिकार समितियां फेल हो चुकी है। कई लोगों द्वारा अतिक्रमण व खेती के कारण जंगलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। लेकिन वरिष्ठों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिले में जंगल बड़े पैमाने पर मौजूद है। एक तरफ बढ़ते हुए अतिक्रमण के कारण बढ़ते वनों की कटाई के कारण यह घने जंगल अब खाली होते जा रहे है।
भंडारा में मिर्च की फसल में काली मिट्टी होनी चाहिए। पथरीले भूमि में मिर्च भी बोई जाती है। हालांकि, अधिक फसल पैदा करने के लिए काली सख्त मिट्टी होनी चाहिए। जिले की सभी सात तहसीलों में मिर्च की बुवाई की जाती है। इससे किसान नकदी फसल के रूप में मिर्च की बुआई की ओर बढ़ रहे हैं।
यह भी पढ़ें – 3 घंटे तक बाथरूम में रहा भालू, पवनी के बेलघाटा वार्ड की घटना, लोगों में दहशत का माहौल
भंडारा शहर एवं जिले में कई क्षेत्रों में देखा जा रहा हैं कि करीब ढेड़ वर्ष से दो वर्ष पूर्व बनाई गई सीमेंट की सड़कें भी उखड़ने लगी हैं। जिससे पता चलता है कि कुछ क्षेत्रों में घटिया दर्जे की सड़कों का निर्माण कार्य किया गया है। कुछ स्थानों पर डामर की सड़कों की हालत भी खराब हो गई है।
शहर एवं जिले के अनेक क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सड़कें नहीं बनाई गई है। सीमेंट की अनेक सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो गई है। जहां से वाहन चलाते समय ऐसा आभास होता है कि जैसे स्पीड ब्रेकर पर या कांक्रीट पर वाहन चलाया जा रहा है। लेकिन इस ओर संबंधित अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है।