भाई-दूज स्पेशल: 'सरबजीत', 'दिल धड़कने दो' से लेकर 'फिजा' तक, भाई-बहन के अटूट रिश्ते पर बनी ये बॉलीवुड फिल्में
Bhai Dooj Special: भाई-दूज का त्योहार भाई और बहन के बीच के पवित्र और मजबूत बंधन का प्रतीक है। इस मौके पर अगर आप अपने सिबलिंग्स के साथ बैठकर कुछ खास पल बिताना चाहते हैं, तो बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में हैं जो भाई-बहन के प्यार, समर्थन और त्याग की कहानी को बखूबी बयां करती हैं।
पेश हैं ऐसी 6 फिल्में, जिन्हे आप इस भाई-दूज पर जरूर देख सकते हैं:
यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है और भाई-बहन के बीच के अटूट जुनून और रिश्ते को दर्शाती है। रणदीप हुड्डा ने सरबजीत और ऐश्वर्या राय बच्चन ने उनकी बहन दलबीर कौर का किरदार निभाया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक बहन अपने भाई को पाकिस्तान की जेल से वापस लाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष करती है। उनका यह त्याग भरा रिश्ता हर किसी को भावुक कर देता है।
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आतंकवाद की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म बहन फिजा (करिश्मा कपूर) और उसके लापता भाई अमन (ऋतिक रोशन) की कहानी है। फिल्म में फिजा अपने भाई को खोजने के लिए हर चुनौती का सामना करती है। यह फिल्म दर्शाती है कि मुश्किल समय में भी भाई-बहन का रिश्ता कितना मजबूत और बेपरवाह होता है।
जोया अख्तर की यह फिल्म एक आधुनिक और शहरी परिवार में भाई-बहन के रिश्ते को दिखाती है। प्रियंका चोपड़ा (आयशा) और रणवीर सिंह (कबीर) ने भाई-बहन का किरदार निभाया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे वे एक-दूसरे के सपने और निजी इच्छाओ का समर्थन करते हैं और पारिवारिक दबाव के खिलाफ भी एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।
पारिवारिक मूल्यों पर बनी यह क्लासिक फिल्म भाई-बहन के आपसी प्रेम, सम्मान और समर्पण को दर्शाती है। यह फिल्म सिर्फ भाई-बहन ही नहीं, बल्कि एक पूरे संयुक्त परिवार की एकता को स्थापित करती है। पारिवारिक फंक्शन और प्यार भरे गीतो से सजी यह फिल्म इस त्योहार के लिए एकदम सही है।
यह फिल्म एचआईवी (HIV) से पीड़ित एक तैराक निखिल (संजय सूरी) की भावनात्मक कहानी है। जब समाज और यहाँ तक कि उसके माता-पिता भी उससे दूर हो जाते हैं, तब उसकी बड़ी बहन अनामिका (जूही चावला) ही उसके साथ डटकर खड़ी रहती है और उसके अधिकारो के लिए लड़ती है। यह निस्वार्थ प्रेम की एक बेहतरीन मिसाल है।
नागेश कुकनूर निर्देशित यह फिल्म भाई-बहन के मासूम और शुद्ध प्रेम को दर्शाती है। फिल्म में एक छोटी बहन परी अपने नेत्रहीन भाई छोटू की आँखों की रोशनी वापस लाने के लिए एक लंबी यात्रा पर निकलती है। उनकी मासूमियत और एक-दूसरे के प्रति विश्वास दिल को छू जाता है।