भंडारा में भालू का खौफ (सौजन्य-नवभारत)
Bhandara News: पवनी शहर में दिवाली की रात उस समय दहशत फैल गई जब बेलघाटा वार्ड के एक खाली पड़े घर में भालू घुस आया। करीब तीन घंटे तक भालू ने इलाके में आतंक मचाया, जिससे वार्ड के लोग डर के साये में रहे। घटना रात करीब 9.30 बजे की है, जब पवनी वन विभाग को सूचना मिली कि बेलघाटा वार्ड स्थित हीरालाल श्रवण हटवार के खाली पड़े घर के बाथरूम में भालू छिपा हुआ है।
सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए, लेकिन घटनास्थल तक पहुंचने में उन्हें लगभग दो घंटे लग गए। रात करीब 11.30 बजे भंडारा से रैपिड रेस्क्यू टीम के साथ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस बीच वार्ड के लोग अपने घरों में बंद रहे और भयभीत माहौल बना रहा। रात करीब 11.30 बजे रैपिड रेस्क्यू टीम ने निरीक्षण किया और भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया। करीब 15 मिनट के प्रयास के बाद, रात 11.45 बजे भालू को सफलतापूर्वक पिंजरे में बंद किया गया।
इसके बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और रात करीब 1.15 बजे उसे सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया गया। इस अभियान में मानद वन्यजीव संरक्षक पंकज देशमुख, पवनी वन परिक्षेत्र अधिकारी वृषाली नागदेव, वनरक्षक सचिन कुकड़े, नीलेश श्रीरामे, कोडापे, भुसारी, चालक अनिल शेल्के, जीवविज्ञानी शुभम मोदनकर, पवनी रैपिड रेस्क्यू टीम के उपाध्यक्ष नामदेव मेश्राम, गजानन जुमले, मुकेश जांभुलकर, जागेश्वर कांबले, उमेश दलाल, धीरज बोरुले और भंडारा रैपिड रेस्क्यू टीम के अन्य सदस्य शामिल थे।
जानकारी के अनुसार, भालू कुहाड़ा तालाब के रास्ते जंगल से निकलकर शहर में आ गया होगा। बेलघाटा वार्ड पवनी वन विभाग के आरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है, और यहां से जंगल की दूरी मात्र 5 किलोमीटर है। शहर के आसपास बसे गांवों के जंगल से सटे होने के कारण इस तरह के जंगली जानवरों के आने का खतरा बना रहता है। वार्ड के नागरिकों ने वन विभाग की देरी पर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि सूचना के बाद टीम को मौके पर पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लग गए, जिससे लोगों की चिंता और भय बढ़ गया।
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पिछले पखवाड़े में वैजेश्वर मंदिर क्षेत्र में एक जंगली सूअर घुस आया था, जिसने नेताजी चौक पर फूलों की दुकान चलाने वाले एक गरीब दुकानदार पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अब मात्र पंद्रह दिनों के भीतर बेलघाटा वार्ड में भालू के आने से नागरिकों में दहशत फैल गई है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को शहर में जंगली जानवरों की बढ़ती आवाजाही पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।