भंडारा जिले में 13 गौशालाओं में गोवंश संवर्धन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: विश्व पशु कल्याण दिवस 4 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस पृष्ठभूमि में बेसहारा, वृद्ध और निराश्रित पशुओं का प्रश्न विशेष महत्व का हो जाता है। भंडारा जिले में वर्तमान में 13 पंजीकृत गौशालाएं कार्यरत हैं, जहां ऐसे पशुओं का संरक्षण व पालन-पोषण किया जा रहा है। गौशालाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इनमें प्रमुख योजनाएं हैं गोवर्धन गोवंश सेवा केंद्र योजना और देशी गाय परिपोषण योजना।
इन योजनाओं के अंतर्गत महाराष्ट्र गोसेवा आयोग की ओर से पंजीकृत गौशालाओं को देशी गायों के पालन के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। पात्र गौशालाओं को प्रति गाय प्रति दिन 50 रुपये तीन वर्ष तक अनुदान दिया जाता है। साथ ही, बुनियादी सुविधाओं के लिए 10 लाख रुपये तक और विशेष परिस्थिति में बड़ी गौशालाओं को 25 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद उपलब्ध कराई जाती है।इसके लिए गौशाला का महाराष्ट्र गोसेवा आयोग में पंजीकरण अनिवार्य है। संस्था को कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। गौवंशीय पशुओं की संख्या न्यूनतम 50 होनी चाहिए।
ईअर टैगिंग आवश्यक है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बाद आयोग की ओर से अनुदान वितरित किया जाता है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य उत्पादनक्षम न रहे पशुओं को सुरक्षित आश्रय देना, गौशालाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और देशी नस्लों का संरक्षण करना है। योजनांतर्गत चारा, पानी और आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, जिससे दूध, पैदावार या कृषि कार्य में उपयोग न हो सकने वाले गाय, बैल और बछड़ों का भी संरक्षण हो सके। राज्य में 2015 से गोवंश हत्या बंदी कानून लागू है, जिसके चलते अनुपयोगी गोवंश की हत्या पर रोक लगी है।
अब भी गोतस्करी का अवैध धंधा जारी है। पुलिस की ओर से कसाइयों से जब्त किए गए गोवंश को गौशालाओं में भेजा जाता है। लेकिन, कुछ गौशालाओं की ओर से अनुदान प्राप्त पशुओं की अवैध बिक्री के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे में निगरानी और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।
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गोवंश संवर्धन और गौशाला प्रबंधन के लिए केवल सरकार की योजनाओं पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है। नागरिकों, सामाजिक संस्थाओं, विद्यालयों और कृषक संगठनों को सक्रिय योगदान देना होगा। गोतस्करी विरोधी अभियान, अवैध पशु बिक्री पर रोक और अनुदान का सही उपयोग सुनिश्चित करने में समाज की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।