किसानों की मांगों को लेकर राकांपा आक्रामक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: राज्य में अतिवृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी फसलें बुरी तरह से तबाह हो गई हैं। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार को जगाने और किसानों के हितों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आज, 17 अक्टूबर को भंडारा शहर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की ओर से काली दिवाली मौन व्रत आंदोलन आयोजित किया गया।
इस आंदोलन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक चरण वाघमारे ने किया। पार्टी ने इस अवसर पर महायुति सरकार के पैकेज को फर्जी बताते हुए विरोध दर्ज कराया। पिछले समय में किए गए लगातार आंदोलन और मांगों के बाद महायुति सरकार ने तात्कालिक रूप से 30,650 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की थी।
हालांकि, इस मदद में लगाए गए विभिन्न शर्तों के कारण वास्तविक लाभ सीधे किसानों तक नहीं पहुँच पा रहा है। सरकार की ओर से घोषित पैकेज में हेक्टयर आधारित मदद, कुए, घर, पशु, खराब हुई जमीन और मनरेगा योजनाओं सहित कई प्रावधान किए गए हैं। लेकिन, किसानों को बीमा और अन्य निधियों का प्रत्यक्ष लाभ नहीं मिल रहा है।स्थानीय स्तर पर गीले अकाल की घोषणा न करने के कारण मदद अपूर्ण रह गई है, जिसे आंदोलनकारियों ने गंभीर चिंता का विषय बताया।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष मौन धारण कर काली दिवाली का आयोजन किया। इस दौरान किसानों की बड़ी संख्या मौजूदगी रही।
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पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को किसानों के हितों की मांग के साथ निवेदन भेजा गया। निवेदन में किसानों के लिए सीधे कर्जमाफी और गीले अकाल की घोषणा करने की मांग की गई। किसानों का कहना है कि उन्हें सीधे कर्जमाफी, उचित फसल बीमा, नुकसान की भरपाई, मनरेगा निधि के अलावा कुआं और पशुओं के लिए योजना अनुसार मदद मिलनी चाहिए। राकांपा का कहना है कि संकट के समय सरकार की ओर से दी गई मदद अपर्याप्त है और असली लाभ सीधे किसानों तक पहुँचाना प्राथमिक आवश्यकता है। इस आंदोलन के माध्यम से पार्टी ने सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करने की कोशिश की है।