4 अफसर संभाल रहे डिवीजन की कमान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati News: मध्य प्रदेश में खांसी की दवाई से 22 बच्चों की मौत के बाद एक बार फिर से दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस पृष्ठभूमि में महाराष्ट्र के अमरावती डिवीजन में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) विभाग खुद ही भारी स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। विभाग में स्वीकृत 18 पदों में से 14 पद खाली हैं और केवल 4 अधिकारी पूरे डिवीजन का कार्यभार संभाल रहे हैं। FDA विभाग का मुख्य कार्य नकली खाद्य और दवा उत्पादों की निगरानी और उन पर नियंत्रण रखना है, लेकिन अमरावती डिवीजन में इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए जरूरी जनशक्ति ही उपलब्ध नहीं है।
अमरावती, अकोला, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा इन पांच जिलों को मिलाकर बना अमरावती डिवीजन महज चार अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। वर्तमान में अमरावती जिले के सहायक आयुक्त का पद रिक्त है। यवतमाल के सहायक आयुक्त एम। के। कालेश्वरकर को अमरावती का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं अकोला और बुलढाणा में भी सहायक आयुक्त के पद खाली हैं। डिवीजन में जहां 11 ड्रग इंस्पेक्टर होने चाहिए, वहां सिर्फ वाशिम जिले में एक इंस्पेक्टर कार्यरत है। बाकी जिलों में निरीक्षक नहीं हैं।
इस हालात में केवल चार अधिकारी पूरे डिवीजन में मौजूद 13,500 मेडिकल स्टोर्स, 30 ब्लड बैंक्स, 36 ब्लड स्टोरेज यूनिट्स, 51 दवा उत्पादन कंपनियों, 18 एलोपैथिक और 17 आयुर्वेदिक उद्योगों की निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश में ‘कोल्डरिफ’ नामक कफ सिरप पीने से 22 बच्चों की मौत हुई थी, जिसके बाद तमिलनाडु की ‘सेसन फार्मा’ कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया गया।
इसी के बाद यवतमाल जिले में एक 6 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई, जिससे राज्य में चिंता का माहौल बना हुआ है। FDA ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दवाओं के सैंपल इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। लेकिन मैन पॉवर कम होने से विभाग को जलद कार्यवाही करने में भारी दिक्कतें आ रही है। जिसके लिए विभाग में मनुष्य बल बढाए जाने की मांग खुद विभाग के अधिकारी,कर्मचारी दबे मुंह कर रहे हैं।
मेडिकल स्टोर्स: 13,500
ब्लड बैंक्स : 30
ब्लड स्टोरेज यूनिट्स : 36
दवा उत्पाद उद्योग : 51
एलोपैथिक उद्योग : 18
आयुर्वेदिक उद्योग :17
(डिवीजन में कॉस्मेटिक प्रोडक्शन यूनिट्स भी हैं)
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एम.के. कालेश्वरकर, (प्रभारी सहायक आयुक्त, FDA अमरावती डिवीजन) ने कहा कि अमरावती डिवीजन में स्टाफ की कमी जरूर है, लेकिन हम पूरी तरह सतर्क हैं। यवतमाल की घटना के तुरंत बाद दवाओं के नमूने लिए गए और संबंधित कंपनी की बैच की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश सभी जिलों को दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर हम खुद मौके पर जाते हैं। अब तक नागरिकों से कोई शिकायत नहीं मिली है।