सातारा में अनशन पर बैठे शरद पवार गुट के कार्यकर्ता और पदाधिकारी (सोर्स: एक्स@shindespeaks)
Sharad Pawar Faction Protests: महाराष्ट्र के विपक्षी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने दावा किया कि महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ से फसलों के नुकसान के कारण संकट का सामना कर रहे किसानों के लिए यह ‘काली’ दिवाली होगी। उन्होंने ‘भ्रष्ट’ महायुति सरकार पर किसानों की बेहद ‘मामूली’ सहायता देने और झूठे वादों के लिए निशाना साधा।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने झूठे आश्वासनों से किसानों की आशाओं और आकांक्षाओं को खाक में मिला दिया और बाढ़ और बारिश से प्रभावित इन लोगों को इस साल ‘काली’ दिवाली मनाने के लिए मजबूर किया।
शशिकांत शिंदे ने कहा कि ‘सत्ता के नशे में चूर’ महायुति गठबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और शासकों को किसानों की दुर्दशा से अवगत कराने और उनकी मांगों को उजागर करने के लिए शरद पवार गुट के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हर जिले में कलेक्टर कार्यालय के बाहर दिनभर की भूख हड़ताल की।
शिंदे ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सातारा जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल में भाग लिया। इस दौरान उन्हाेंने कहा कि राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य किसानों की उपेक्षा के लिए महायुति सरकार की निंदा करना था।
अतिवृष्टीच्या संकटामुळे आणि नतभ्रष्ट सरकारच्या खोट्या आश्वासनांमुळे यंदाच्या दिवाळीवर संकटाचे सावट आहे. खोटी आश्वासने देत शेतकऱ्यांच्या आशा-आकांक्षांची होळी करणाऱ्या या सरकारने बळीराजाच्या आणि पूरग्रस्त जनतेच्या वाट्याला ‘काळी दिवाळी’ आणली आहे. सत्ताधुंद महायुतीचा निषेध… pic.twitter.com/iPagiDdSAP — Shashikant Shinde (@shindespeaks) October 17, 2025
कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों के लिए 31,000 करोड़ रुपये से अधिक के राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन वास्तविक राहत 1,800 करोड़ रुपये तक ही सीमित है। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि इसका मतलब है कि प्रति हेक्टेयर केवल 10,000 रुपये की सहायता राशि निर्धारित की गई।
नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने बड़े राहत पैकेज का वादा करने के बाद ‘मामूली’ वित्तीय सहायता देकर किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) को राज्य के विपणन मंत्री के सीधे नियंत्रण में रखने के सरकार के फैसले की आलोचना की।
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वडेट्टीवार ने कहा कि इस कदम से मंत्री व्यवस्था का फायदा उठा सकेंगे। एपीएमसी करोड़ों रुपये के लेन-देन का प्रबंधन करती है और निर्वाचित बोर्डों को हटाकर सरकार घोर अन्याय कर रही है।
राज्यव्यापी आंदोलन के तहत ठाणे जिला कलेक्ट्रेट के बाहर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व राकांपा (शरदचंद्र) के जिला अध्यक्ष मनोज प्रधान ने पार्टी महासचिव जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में किया।
दर्शनकारियों ने काले कपड़े पहनकर महायुति सरकार के खिलाफ नारे लगाए और उस पर झूठे वादे करने का आरोप लगाया। प्रधान ने कहा कि राहत पैकेज के नाम पर, इस सरकार ने बारिश से प्रभावित किसानों को धोखा दिया है। दिवाली पर जिस सहायता का वादा किया गया था, वह राशि भी नहीं मिली है। कर्ज माफी को लेकर भी एक शब्द नहीं कहा गया है।
विपक्षी दल ने कहा कि सोयाबीन, अरहर, कपास, गन्ना, मूंग और उड़द जैसी फसलें नष्ट हो गईं और बाढ़ में पशुधन की भी हानि हुई, लेकिन नुकसान का सर्वेक्षण लंबित है और कोई उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। राकांपा (शरदचंद्र) ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार अपने वादों पर अमल नहीं करती है तो वह उग्र आंदोलन करेगी।
(एजेंसी नइपुट के साथ)