
उज्जवल निकम
Santosh Deshmukh Murder Case: बीड जिले के मस्साजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े मामले की न्यायिक सुनवाई शुक्रवार से शुरू हो गई। बीड की अदालत में सुबह करीब 11 बजे इस बहुचर्चित मामले की कार्यवाही आरंभ हुई, जिसमें सरकारी पक्ष की ओर से सहायक न सरकारी वकील बालासाहब कोल्हे ने प्रारंभिक दलीलें पेश कीं। सुनवाई के दौरान संतोष देशमुख के परिजन भी अदालत में मौजूद रहे।
सरकारी पक्ष की दलीलों के बाद मामले में एक नया मोड़ उस समय आया, जब वाल्मीकि कराड और विष्णु चाटे को छोड़कर अन्य आरोपियों ने अदालत में एक आवेदन दायर किया। इस आवेदन में आरोपियों ने विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को इस केस से हटाने की मांग की। आरोपियों का कहना है कि उज्ज्वल निकम एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं, जिससे निष्पक्ष सुनवाई प्रभावित हो सकती है। इस दावे के साथ ही मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
अदालत में आवेदन की जानकारी दिए जाने के बाद विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इस मामले में किसी भी तरह का राजनीतिक हित नहीं है और वे केवल कानून के दायरे में रहकर सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। निकम ने अदालत से आरोपियों की याचिका को खारिज करने की मांग की और कहा कि यह केवल सुनवाई में देरी करने का प्रयास है।
इसी दौरान अदालत में एक अप्रत्याशित घटना भी घटी। जब न्यायाधीश ने आरोपी सुदर्शन घुले का नाम पुकारा, तो वह अचानक चक्कर खाकर अदालत में गिर पड़ा। इस घटना से कुछ समय के लिए अदालत परिसर में अफरा-तफरी मच गई। बाद में उसे प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया, जिसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ाई गई।
इसके अलावा, सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामले में आरोपी क्रमांक-2 विष्णु चाटे द्वारा दायर जमानत अर्जी पर भी सुनवाई हुई। अदालत ने इस पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं, हालांकि जमानत पर अंतिम निर्णय के लिए अगली तारीख तय किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला बीड जिले में लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। सुनवाई शुरू होने के साथ ही इस प्रकरण पर सभी की नजरें अदालत के आगामी फैसलों पर टिकी हुई हैं।






