35 वर्षीय किसान ने की आत्महत्या। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: खरीफ सीजन के दौरान बुवाई के लिए विभिन्न बैंकों से लिया गया ऋण नहीं लौटा पाया। खरीफ सीजन की बुवाई के लिए पैसे कहां से जुटाए जाएं, इस चिंता में एक 35 वर्षीय किसान ने झोका खेलने के लिए इस्तेमाल की गई रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना गुरुवार को सोयगांव तालुका के आमखेड में सामने आई।
आत्महत्या करने वाले किसान का नाम दीपक अर्जुन नागपुरे (उम्र 35) है, जो अमखेड़ा, सोयगांव का निवासी था। इस मामले में स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आमखेड़ा, सोयगांव निवासी अर्जुन नागपुरे अपने परिवार के साथ रहते थे। उसके पास एक एकड़ ज़मीन है। दीपक ने पिछले साल इस फसल की बुआई के लिए निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से 2 लाख 50 हजार रुपए का कर्ज लिया था। अर्जुन यह ऋण चुकाने में असमर्थ था।
खरीफ का मौसम कुछ ही दिनों में आ गया है। वह पिछले कुछ दिनों से इस बात को लेकर तनाव में थे कि इस खरीफ सीजन की बुवाई का खर्च कहां से लाएंगे। इसी बीच गुरुवार को जब घर पर कोई नहीं था तो दीपक ने झूले की रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कुछ समय बाद जब परिवार को इसका अहसास हुआ तो वे हैरान रह गए। जैसे ही नागरिकों ने देखा, दीपक को तुरंत ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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इस समय, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीनाजी खंडारे ने दीपक की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया। दीपक के परिवार में माता-पिता, पत्नी, भाई-बहन, एक बेटा और एक बेटी शामिल हैं। इस घटना से गांव में मातम फैल गया। चर्चा यह भी है कि दीपक पिछले कुछ दिनों से परेशान था क्योंकि कर्ज नहीं चुका पाया है और उसके पास अगली बुआई के लिए भी पैसे नहीं हैं। दीपक का इतना बड़ा कदम उठाना सभी के लिए बड़ा सदमा है। पिछले कुछ दिनों में राज्य में किसानों की आत्महत्याओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।