बच्चू कडू (सौजन्य-सोशल मीडिया)
अमरावती: जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे ने गंभीर आरोप लगाया है कि कांग्रेस और राज्य सरकार के गुप्त गठबंधन ने बैंक के अध्यक्ष और पूर्व विधायक बच्चू कडू को उनके पद से हटाने की साजिश रची है, जबकि जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में सत्ता परिवर्तन के बाद किसानों के लिए प्रभावी योजनाएं लागू की जा रही हैं।
पिछले कई वर्षों से बैंक पर कांग्रेस का एकाधिकार था। हालांकि, दो साल पहले बच्चू कडू के नेतृत्व में सत्ता परिवर्तन हुआ था। इसके बाद किसानों के लिए विभिन्न लाभकारी योजनाएं लागू की गईं। बैंक पर विपक्ष का प्रभाव कम हो गया है, जिसके कारण उनमें अस्वस्थता निर्माण हुई है, ऐसा आरोप सत्ताधारी गुट से लगाया जा रहा है। अभिजीत ढेपे ने जानकारी देते हुए बताया कि कडू के अध्यक्षत्व काल में महत्वपूर्ण और बड़े निर्णय लिए गए। बच्चू कडू के कार्यकाल में ऋण वितरण में रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
उन्होंने बताया कि 2023 में 599 करोड़ रुपये, 2024 में 647 करोड़ रुपये और 2025 में 750 करोड़ रुपये का ऋण वितरण शामिल है। जबकि अब तक 610 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। बैंक ने एनएलएम योजना, सौर कृषि पंप योजना, शैक्षणिक ऋण, गोदाम ऋण, नेट शेड योजना आदि सहित नई योजनाएं लागू कीं। इस बीच, नासिक अदालत की सजा का हवाला देते हुए विभागीय सहनिबंधक ने बच्चू कडू को अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। लेकिन हाईकोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने सहनिबंधक के आदेश पर रोक लगाकर कडू को राहत दे दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक पर दोबारा नियंत्रण पाने के लिए विपक्ष के जरिए राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है और यह सब कांग्रेस और राज्य सरकार की मदद से किया जा रहा है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री तथा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू, उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे, नरेशचंद्र ठाकरे, अजय पाटिल और आनंद काले उपस्थित थे।
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बच्चू कडू ने कहा कि दबाव की रणनीति, बदनाम करने के लिए भाजपा के कुछ लोग जानबूझकर षड्यंत्र रचा रहे है। लेकिन मैं नीम का पेड़ हूं और नीम के पत्तों का स्वाद बहुत कड़वा होता है, यह विरोधक पता लगा लें, ऐसा टोला बच्चू कडू ने विरोधकों को मारा। एक ओर सेवा गारंटी अधिनियम का उल्लंघन कर रहे है। वहीं दूसरी ओर भाजपा पदाधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था पर गलत काम करने का कह रहे है। यह गुंडागर्दी है। हम फोन करनेवाले और उठानेवाले ऐसे दोनें को भी छोंडगे नहीं।
कोर्ट ने राहत दी
विभागीय सहनिबंधक ने नासिक की अदालत के फैसले का हवाला देते हुए बच्चू कडू को संचालक पद से अयोग्य घोषित किया है, इस फैसले के खिलाफ बच्चू कडू ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने उन्हें राहत देते हुए विभागीय सहनिबंधक के आदेश को स्थगिति दी है।