नागपुर में हर्षवर्धन सपकाल (सौजन्य-नवभारत)
Congress: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंती, दशहरा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100वीं वर्षगांठ यह सुवर्ण योग एक ही दिन पर आया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को 100 वर्ष पूरे होने पर इस योग को समझना चाहिए। गांधी की प्रतिमा के सामने केवल सम्मान व्यक्त करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि नाथूराम गोडसे की निंदा कर विध्वंसक विचारों, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट को अलविदा कर गांधी के विचार और भारत के संविधान को स्वीकार करना चाहिए।
यह नसीहत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने संघ को दी। वे नागपुर में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र चुनाव के लिए किरण पांडव के मतदाता पंजीयन कार्यालय के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, अभिजीत वंजारी, गिरीश पांडव, अतुल कोटेचा, उमाकांत अग्निहोत्री, विशाल मुत्तेमवार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सपकाल ने कहा कि देश की आज़ादी के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश एकजुट हुआ था। राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन के साथ-साथ सामाजिक परिवर्तन भी कांग्रेस की भूमिका थी जबकि संघ का विचार था कि सत्ता कुछ लोगों के हाथों में रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवर्तन और मानवता का विचार कांग्रेस के पास है।
आरएसएस को अंग्रेजों की व्यवस्था स्वीकार्य थी। इसलिए वे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं हुए। सभी को मताधिकार देना भी उसे स्वीकार्य नहीं था। संघ को 100 वर्ष पूरे होने पर यह मान लेना चाहिए कि देश सभी का है और विषैले विचारों को छोड़कर महात्मा गांधी के मार्ग पर चलना चाहिए।
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राज्य में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं। भारी नुकसान हुआ है। किसानों को मदद व सहारा चाहिए। सपकाल ने मांग की कि सरकार को तत्काल 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता घोषित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र से मदद के लिए भी राज्य सरकार ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर चिमटी लेते हुए कहा कि जब तक केन्द्र से पैकेज या मदद नहीं मिलती तब तक उन्हें दिल्ली में ही रुकना चाहिए था। उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर को तहसील स्तर पर कर्जमाफी आंदोलन किया जाएगा।