CP सिंगल ने 38 मजदूरों को कराया मुक्त (सौजन्य-नवभारत)
CP Ravinder Kumar Singal: शहर पुलिस ने मानव तस्करी और जबरन मजदूरी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 38 मजदूरों को बचाया। इस अभियान का नेतृत्व पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंगल ने किया। बचाए गए मजदूरों में 23 महिलाएं, 5 पुरुष और 9 नाबालिग बच्चे (3 लड़कियां और 6 लड़के) शामिल हैं। ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से नागपुर लाए गए थे और जबरन मजदूरी में फंसाए गए थे।
मजदूरों को स्थानीय रोजगार का झांसा देकर उनके गांव से बाहर लाया गया। इसके बाद उन्हें एक ट्रैफिकर के हवाले कर दिया गया जिसने 1।50 लाख रुपये व्यवस्थापन खर्च के नाम पर वसूली की मांग की। इतना ही नहीं, उसने मजदूरों से छोटी-छोटी रकम जबरन वसूल की और विरोध करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित ने गुप्त रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर अपने परिजनों से संपर्क किया। परिजनों ने तत्काल एनजीओ प्रदीपन को सूचना दी। इसके बाद एनजीओ ने नागपुर पुलिस से संपर्क साधा और तुरंत कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस दल ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों को मुक्त कराया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
बचाव के बाद जब मजदूर नागपुर रेलवे स्टेशन पर थे तभी पहला एजेंट फिर से सामने आया। उसने मजदूरों से जबरन 57,000 रुपये ले लिए और उन्हें धमकाने का प्रयास किया। बावजूद इसके मजदूरों ने हिम्मत दिखाई और अपने स्तर पर छिंदवाड़ा लौटने की व्यवस्था की। पुलिस ने आरोपी एजेंटों के खिलाफ बंधमजूरी और मानव तस्करी कानूनों के तहत मामला दर्ज कर लिया।
यह भी पढ़ें – डांटने पर प्रोफेसर की कार फोड़ी, CCTV में कैद हुई घटना, छात्र समेत 5 आरोपियों पर मामला दर्ज
पुलिस आयुक्त डॉ. सिंगल ने कहा कि मानव तस्करी मानवीय गरिमा का गंभीर उल्लंघन है। हमारी त्वरित कार्रवाई से 38 निर्दोष लोगों का शोषण रोका गया। नागपुर पुलिस ऑपरेशन शक्ति के तहत लगातार तस्करी, बंधुआ मजदूर और कमजोर वर्गों के शोषण के खिलाफ अभियान चला रही है। हमारी नीति शून्य सहिष्णुता की है और सभी आरोपियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। नागरिकों और एनजीओ से भी हम सतर्क रहने और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत देने की अपील करते हैं।