अमरावती न्यूज
Prime Minister’s Solar Power Scheme: अमरावती जिले में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ उठाकर जिले के 16,708 उपभोक्ता अब बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो गए हैं। इन उपभोक्ताओं के घरों की छत पर लगाए गए सोलर पैनलों से 68.87 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी वाली इस योजना से उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य तक लाना संभव हो गया है।
अधिक से अधिक उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ उठाना चाहिए, ऐसा आव्हान अधीक्षक अभियंता दीपक देवहाते ने किया। केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। साथ ही उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी प्राप्त कर सकते हैं। इस कारण योजना को जिले में उपभोक्ताओं का उत्साहजनक प्रतिसाद मिला है। केवल एक वर्ष में 16 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ उठाया है।
घर की छत पर 1 से 3 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा प्रकल्प के जरिए उपभोक्ता हर महीने लगभग 120 से 360 यूनिट मुफ्त बिजली प्राप्त कर रहे हैं। उपभोक्ताओं के लिए विभिन्न बैंकों से रियायती ब्याज दरों पर कर्ज की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रेरित करने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहन निधि भी दी जाएगी। महावितरण की ओर से 10 किलोवाट तक के आवेदनों को स्वयंचलित मंजूरी दी जा रही है और नेट-मीटर की सुविधा भी उपलब्ध है।
सौर प्रकल्प से उत्पन्न बिजली उपभोक्ता खुद उपयोग कर सकते हैं। आवश्यकता पूरी होने के बाद अतिरिक्त बिजली महावितरण द्वारा खरीदी जाती है और उसकी राशि सीधे उपभोक्ता के बिल में समायोजित की जाती है। इस योजना में केंद्र सरकार से उपभोक्ताओं को एक किलोवाट के लिए 30 हजार रुपये, दो किलोवाट के लिए 60 हजार रुपये और तीन किलोवाट या उससे अधिक क्षमता पर अधिकतम 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी सीधे उनके खाते में जमा की जाती है। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को पीएम-सूर्यघर की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होता है। प्रकल्प स्थापित करने के लिए उपभोक्ता अपनी पसंद के विक्रेता का चयन कर सकते हैं।
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प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं को लगभग मुफ्त बिजली मिल रही है। सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के कारण यह योजना बेहद लाभकारी है। घरेलू उपभोक्ता और आवासीय सोसायटियां अधिक से अधिक संख्या में इसका लाभ उठाए। महावितरण की ओर से सारी प्रक्रियाएं अब ऑनलाइन और सरल कर दी गई हैं।
– अशोक सालुंके, मुख्य अभियंता, महावितरण