
एसटी कर्मचारियों की नाराजगी फिर बढ़ी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola ST Workers Protest: एसटी महामंडल अपने कर्मचारियों की सुविधाओं को लेकर बेहद उदासीन दिखाई देता है। दिन-रात मेहनत करने वाले चालक-वाहकों को पहले ही कम वेतन मिलता है, ऊपर से हॉल्टिंग यानी बाहर गांव रुकने वाली बसों के लिए दिया जाने वाला हॉल्टिंग चार्ज भी अत्यंत कम है। शहरी क्षेत्रों में मात्र 80 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 75 रुपये ही मिलते हैं। वर्तमान महंगाई को देखते हुए इस राशि में दो वक्त का नाश्ता भी कठिन हो जाता है। ऐसे में चालक-वाहकों को अपने जेब से खर्च कर रात गुजारनी पड़ती है।
इन्हीं कारणों से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है और हॉल्टिंग चार्ज बढ़ाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। अकोला एसटी महामंडल में वाशिम जिले का भी समावेश है, जहां कुल 9 एसटी डिपो हैं। इन डिपो में वर्तमान में 632 चालक और 623 वाहक कार्यरत हैं, यानी कुल 1255 कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। प्रत्येक डिपो से रोजाना 5-6 गाड़ियां ग्रामीण क्षेत्रों में और 6-7 गाड़ियां शहरी क्षेत्रों में हॉल्टिंग पर जाती हैं। इस प्रकार कुल 9 डिपो से लगभग 110-120 बसें प्रतिदिन बाहर गांव ठहरती हैं। ऐसे में हॉल्टिंग के दौरान मिलने वाले 75-80 रुपये की राशि बढ़ती महंगाई के हिसाब से बेहद कम है, जिससे कर्मचारियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान में ठंड का मौसम जारी है। ऐसे में कई बार चालक-वाहकों को केवल चटाई और अपने साथ लाई हुई चादर पर ही ठिठुरते हुए रात बितानी पड़ती है। कई स्थानों पर आवश्यक सुविधाओं का अभाव होने से उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। इस मामले में एसटी कर्मचारियों ने बार-बार महामंडल का ध्यान आकर्षित किया है।
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अकोला के डीटीओ पवन लांजुलकर ने कहा कि “जिले में चालक और वाहकों को सभी जरूरी सुविधाएं देने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही हॉल्टिंग चार्ज बढ़ाने को लेकर वरिष्ठ स्तर पर फॉलो-अप जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही समाधान निकलेगा।”






