
एसटी बस (सौजन्य-सोशल मीडिया)
MSRTC Drivers Problem: ‘यात्री सेवा’का नारा देने वाले एसटी महामंडल की कार्यप्रणाली अपने कर्मचारियों के प्रति उपेक्षा का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आई है। लगातार यात्राओं में व्यस्त रहने वाले एसटी चालक-परिचालकों को मिलने वाला हॉल्टिंग चार्ज अत्यंत कम है। जिला मुख्यालय पर मुक्काम के लिए जहां सिर्फ 80 रुपये, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र 75 रुपये भत्ता दिया जाता है।
इस राशि में साधारण नाश्ता तक संभव नहीं, जिससे कर्मचारियों को मुक्काम का पूरा खर्च अपनी जेब से उठाना पड़ रहा है। भंडारा विभाग में कुल छह डिपो—भंडारा, गोंदिया, साकोली, तिरोडा, तुमसर और पवनी शामिल हैं। विभाग के पास 406 बसें हैं, जिनमें शिवशाही, विठाई, लालपरी, मानव विकास, निमआराम, साधारण और शिवाई बसें सम्मिलित हैं।विभाग में 138 चालक तथा 118 परिचालक कार्यरत हैं।
प्रतिदिन लगभग 23 बसें हॉल्टिंग रहती हैं, जिनमें तैनात कर्मचारी इसी कम भत्ते पर अपनी ड्यूटी निभाने को मजबूर हैं। कर्मचारियों के अनुसार, 2021 के बाद से हॉल्टिंग चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। कई स्थानों पर यह भुगतान अभी भी 4 से 10 वर्ष पुराने दरों पर ही दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र 75 रुपये और तहसील/कस्बा क्षेत्र में 80 रुपये दिए जा रहे है। वही शहर में मात्र 100 रुपये भत्ता दिया जा रहा है।
वर्तमान में पानी की बोतल 20 रुपये और एक साधारण नाश्ता 40 रुपये तक मिलता है। ऐसे में 75–80 रुपये में दिनभर का भोजन असंभव है। कर्मचारियों को रोजाना 200–250 रुपये अपनी जेब से खर्च करने पड़ते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ठहरने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होती। कम भत्ते के कारण लॉज लेना संभव नहीं, जिसके चलते चालक-परिचालकों को अक्सर बस में ही रात बितानी पड़ती है। ठंड के दिनों में यह स्थिति और भी दयनीय हो जाती है।
75 रुपये में एक वक्त का खाना भी नहीं मिलता। मुक्काम पर हर दिन हमें अपने पैसे खर्च करने पड़ते हैं। 2020 के बाद से भत्ते में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। इतने कम भत्ते में रहना और खाना दोनों मुश्किल हो गया है।
– चालक (नाम गोपनीय)
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हम 24 घंटे यात्रियों की सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन हमारी जरूरतों पर कोई ध्यान नहीं देता। भत्ते की कम राशि के कारण कई बार सिर्फ पानी और नाश्ते पर ही दिन निकालना पड़ता है। ठंड के दिनों में बस में सोकर रात गुजारना मजबूरी है।यह हमारे साथ अन्याय है।
– चालक (नाम गोपनीय)
कर्मचारियों के हॉल्टिंग का चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेज दिया गया है। इस पर अंतिम निर्णय राज्य स्तर पर लिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
– शीतल सिरसाट, विभागीय परिवहन अधिकारी, भंडारा।






