
गड्ढों ने सीमेंट सड़क के सपनों पर लगा दिया ग्रहण (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: सिहोरा से गोबरवाही तक लगभग 18 किलोमीटर लंबे मार्ग पर बन रही सीमेंट सड़क का अधूरा काम अब नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। विकास के नाम पर शुरू किया गया यह प्रकल्प अब मौत का सफर बन चुका है। अधूरी सड़क, जगह-जगह बने गड्ढे और उठती धूल ने लोगों का जीवन संकट में डाल दिया है। खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग अब मौत का सफर साबित हो रहा है। पिछले कई महीनों से इस मार्ग पर सीमेंट सड़क का कार्य धीमी गति से चल रहा है।
अब तक लगभग 9 किलोमीटर का काम पूरा हो चुक है, जबकि शेष 9 किलोमीटर का काम अधूरा है। ठेकेदार और संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण सड़क के दोनों ओर केवल मुरूम डालकर काम अधूरा छोड़ दिया गया है। परिणामस्वरूप सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं। रात के समय ये गड्ढे दिखाई नहीं देते, जिससे दोपहिया वाहन चालक अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि कई जगहों पर छोटे-बड़े हादसे रोजमर्रा की बात बन चुके हैं। महिलाओं और छात्राओं को इस रास्ते से गुजरना बेहद मुश्किल हो गया है।नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि सीमेंट सड़क का काम शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि रेत और अन्य निर्माण सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद काम में जानबूझकर टालमटोल की जा रही है। अधूरे निर्माण के कारण सड़क पर धूल उड़ रही है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। कटारे पेट्रोल पंप के सामने हाल ही में बने नाले ने भी दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ा दिया है। पिछले आठ दिनों में यहां कई हादसे हो चुके हैं।
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इसके साथ ही अडानी समूह के परिवहन के कारण उड़ने वाली धूल से पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो गया है। यह धूल पैदल चलने वालों, स्कूली छात्रों और आम नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।ग्रामीणों ने कहा कि सिहोरा–गोबरवाही मार्ग पर मंडई और मेलों के समय यह सड़क नागरिकों के लिए और भी कठिन हो जाती है। एक ओर सड़क की खस्ता हालत और बढ़ती दुर्घटनाएँ, दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, लोगों के मन में यह सवाल खड़ा कर रही है कि हम न्याय किससे मांगें और किसके पास जाएं।
सोनेगांव ग्राम पंचायत सदस्य उमेश पुंडे ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सड़क का कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया जाए, अन्यथा नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। अब पूरे क्षेत्र की निगाह इस बात पर टिकी है कि सिहोरा–गोबरवाही मार्ग कब तक पूर्ण होगा और यह मौत का सफर आखिर कब खत्म होगा।






