चान्नी मंडल में अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: पातुर तहसील के चान्नी मंडल में पिछले कुछ दिनों में हुई तेज आंधी और भारी बारिश के कारण सोयाबीन, नींबू और अन्य फल बागानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। घटना के दस से बारह दिन बीत जाने के बावजूद नुकसान का पंचनामा करने कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे किसानों में गहरी नाराजगी है। बीते 20 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे सोयाबीन की फलियां पौधों पर ही काली पड़ गई हैं और कई जगहों पर सड़ी हुई फलियों की परतें दिखाई दे रही हैं। यह दृश्य बेहद चिंताजनक है और किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। इस वर्ष चान्नी मंडल में बड़े पैमाने पर सोयाबीन और तुअर की बुवाई की गई थी।
शुरू से ही बारिश का व्यवहार असंतुलित रहा। कहीं अधिक वर्षा, कहीं कम, और कहीं बिल्कुल नहीं। इस बीच 18 अगस्त को मलसुर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में दिन-रात बादल फटने जैसी बारिश हुई थी, जिससे नदियां-नाले उफान पर आ गए थे और कई खेतों में दो फीट से अधिक पानी भर गया था। इससे फसलें जलमग्न हो गईं थी। पहले से ही संकट में फंसे किसानों पर यह प्राकृतिक प्रहार और भी भारी पड़ा।
सोयाबीन की फसल फूल अवस्था में थी, जबकि तुअर की फसल अत्यधिक बारिश से जलकर नष्ट हो गई। नींबू के बागों में फूल गिर गए, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ। पिछले 15–20 दिनों से लगातार बारिश के कारण सोयाबीन की फलियां काली पड़ रही हैं और नीचे सड़ रही हैं। साथ ही, फसल पर फफूंदजन्य रोग और यलो मोझेक जैसे संक्रमण भी बढ़ रहे हैं। इस गंभीर स्थिति में किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि नुकसान का पंचनामा किया जाएगा और उन्हें सरकारी सहायता मिलेगी।
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इस वर्ष गर्मी के मौसम में हुई अतिवृष्टि से प्रभावित नींबू बागों का पंचनामा किया गया था, लेकिन उन्हें आपदा राहत से बाहर रखा गया। इससे किसानों में यह सवाल उठ रहा है कि जब नुकसान स्पष्ट है, तो सहायता क्यों नहीं दी गई? सरकार ने इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी भी नहीं दी है। किसानों की मांग है कि सरकार इस विषय को गंभीरता से लेकर तत्काल राहत प्रदान करे और भविष्य में ऐसी अनदेखी न हो।