
विखे पाटील के ‘ऑपरेशन लोटस’ की शुरुआत अकोले से (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar News: अगस्ती शुगर फैक्ट्री की उपाध्यक्ष सुनीता भांगरे ने मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ मुंबई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में प्रवेश किया। जलसंपदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील के ‘ऑपरेशन लोटस’ की शुरुआत अब अकोले तालुका से हो गई है, और इस कदम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार के गढ़ में पहला बड़ा झटका माना जा रहा है।
जिला परिषद अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण, भाजपा में शामिल हुईं सुनीता भांगरे को इस पद की प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
संगमनेर में आयोजित दीपावली स्नेहमिलन कार्यक्रम के दौरान मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने जिले में ‘ऑपरेशन लोटस’ की शुरुआत के संकेत दिए थे। इसके बाद सबसे पहले भांगरे परिवार को साथ जोड़ते हुए इसकी औपचारिक शुरुआत अकोले तालुका से की गई।
स्वर्गीय अशोक भांगरे के निधन के बाद, शरद पवार ने उनके परिवार को राजनीतिक सहयोग देते हुए अमित भांगरे को विधानसभा चुनाव की टिकट दी थी। हाल ही में पूर्व विधायक वैभव पिचड और अमित भांगरे ने मंत्री विखे पाटील से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि अमित भांगरे सोमवार को शरद पवार द्वारा बुलाई गई मुंबई बैठक में मौजूद थे, लेकिन अगले ही दिन उनकी माता सुनीता भांगरे ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सभी को चौंका दिया।
मुंबई के भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में सुनीता भांगरे, दिलीप भांगरे सहित अकोले तालुका के कई सरपंच और कार्यकर्ताओं ने भाजपा में प्रवेश किया।इस अवसर पर मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील, पूर्व विधायक वैभव पिचड, वरिष्ठ नेता सीताराम भांगरे, सुहास वहाडणे, विनायक देशमुख सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश अध्यक्ष चव्हाण ने सभी नए कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हम विकास की राजनीति कर रहे हैं। आपके विश्वास को कभी टूटने नहीं देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि “‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ मंत्री विखे पाटील के माध्यम से जिले में उत्कृष्ट कार्य जारी है। पार्टी के विस्तार में आप सभी की सक्रिय भूमिका अपेक्षित है।”
स्वर्गीय मधुकर पिचड और अशोक भांगरे दशकों तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। अशोक भांगरे ने छह बार विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। वे कुछ समय के लिए जिला परिषद अध्यक्ष भी रहे थे।
उनकी अगली पीढ़ी-वैभव पिचड और अमित भांगरे ने 2024 के विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। ऐसे में, अब पिचड-भांगरे परिवारों के बीच समन्वय स्थापित कर अकोले तालुका से ही मंत्री विखे पाटील द्वारा यह राजनीतिक “ऑपरेशन” शुरू किए जाने को एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
ये भी पढ़े: सोलापुर-तुलजापुर-धाराशिव नई ब्रॉडगेज रेलवे पकडेगी रफ्तार,1647 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मंजूरी
भाजपा में शामिल होने के एक दिन पहले तक अमित भांगरे शरद पवार और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात के साथ मुंबई में बैठक में मौजूद थे। जब उनसे उनकी मां के भाजपा प्रवेश पर प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि “मैं शरद पवार और बालासाहेब थोरात की बैठक में उपस्थित था। मां का भाजपा में शामिल होने का निर्णय पूरी तरह व्यक्तिगत है। इस निर्णय से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं आगे भी शरद पवार के मार्गदर्शन में राजनीति करूंगा और आगामी स्थानीय स्वराज्य चुनावों में एनसीपी के साथ सक्रिय रहूंगा।”






