फोटो सोर्स - एक्स
रांची : झारखंड की राजधानी रांची में शनिवार यानी 22 मार्च 2025 को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने 18 घंटे का बंद आयोजित किया, जिसने शहर के जनजीवन को प्रभावित किया। यह बंद सरना स्थल, के पास फ्लाईओवर निर्माण के विरोध में बुलाया गया। बता दें, सरना स्थल आदिवासियों का एक पवित्र धार्मिक स्थल है।
आदिवासी समुदाय का मानना है कि सिरम टोली-मेकॉन फ्लाईओवर परियोजना के तहत बनाया जा रहा रैंप उनके धार्मिक स्थल तक पहुंच को बाधित करेगा और इसकी पवित्रता को नुकसान पहुंचाएगा। इस विरोध ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राज्य सरकार के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
सुबह से ही आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने टायर जलाकर और सड़कों को अवरुद्ध करके अपना रोष व्यक्त किया। रांची-लोहरदगा मार्ग पर तितला चौक और कांके चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने जाम लगा दिया, जिससे शहर में वाहनों की आवाजाही कम हो गई। संगठनों का कहना है कि हर साल सरहुल जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों पर हजारों आदिवासी सिरम टोली सरना स्थल पर जुटते हैं, और फ्लाईओवर का रैंप इस धार्मिक आयोजन में बाधा डालेगा। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि रैंप को हटाया जाए, वरना वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
#WACTH | Jharkhand: People belonging to various Tribal outfits call an 18-hour bandh in Ranchi to protest against the construction of a flyover near the Sarna Sthal, a sacred tribal religious site. pic.twitter.com/SxlJgkpT3B
— ANI (@ANI) March 22, 2025
रांची पुलिस ने इस हड़ताल को देखते हुए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए, और प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अपील की। जिला प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बंद के समर्थकों को यातायात, छात्रों, या आम जनता को परेशान नहीं करना चाहिए। हालांकि, सड़कों पर प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में दुकानें बंद रहीं और स्कूलों ने पहले ही छुट्टी घोषित कर दी थी। आपातकालीन सेवाओं को बंद से छूट दी गई थी।
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आपको जानकारी के लिए बताते चलें कि यह विरोध उस 2.34 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण के खिलाफ है, जिसका उद्देश्य सिरम टोली से मेकॉन तक यातायात को सुगम बनाना है। लेकिन आदिवासी समुदाय इसे अपनी आस्था पर हमला मान रहे हैं। शुक्रवार शाम को संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला था, जिससे बंद को समर्थन मिला। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने का दावा किया, लेकिन इस विवाद का हल निकालना अभी बाकी है।