साइबर अपराधियों ने बदला पैंतरा
रांची: झारखंड के रांची में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपनाया है। पहले ये अपराधी लोगों को ऑनलाइन काम देते हैं, फिर कुछ दिनों तक उन्हें मामूली रकम भेजकर भरोसा जीतते हैं। जब पीड़ित पूरी तरह भरोसे में आ जाता है, तब ये ठग उन्हें बोनस या रिवॉर्ड का लालच देकर मोटी रकम मंगा लेते हैं और फिर संपर्क काटकर पूरा खाता खाली कर देते हैं। साइबर थाना में ऐसे कई केस दर्ज हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई ठप है।
इन मामलों में पुलिस महज एफआईआर दर्ज कर चुप हो जा रही है। पहले साइबर सेल जागरूकता अभियान चलाती थी, लेकिन अब वो भी बंद हो गया है। हाल ही में मधुश्री घोष, राजीव कुमार, गोविंदा पांडे और आदित्य कुमार जैसे कई लोग इस नई किस्म की साइबर ठगी के शिकार हुए हैं। सभी मामलों में शुरुआत में ठगों ने काम के बदले 100 से 1,150 तक की पेमेंट की और फिर झांसे में लेकर लाखों रुपये हड़प लिए।
फेसबुक और टेलीग्राम पर फर्जी जॉब से की लाखों की ठगी
मधुश्री घोष ने फेसबुक पर एक ऑनलाइन जॉब का विज्ञापन देखा था। शुरुआत में 100 से 220 तक की पेमेंट मिलने के बाद उन्हें 800 जमा करने के लिए कहा गया ताकि बोनस मिले। कुछ और राशि देने के बाद ठग ने 8,400 और 1,150 भी भेजा। लेकिन फिर 3.12 लाख लेकर गायब हो गया। इसी तरह राजीव कुमार को “डायमंड डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड” नाम की कंपनी की तरफ से प्रचार प्रसार का काम मिला। शुरुआत में ₹120 और 2,600 मिले, लेकिन फिर 5.98 लाख की ठगी हो गई। टेलीग्राम के जरिए गोविंदा पांडे से 3.46 लाख और आदित्य कुमार से 4.14 लाख की रकम इसी अंदाज में हड़प ली गई।
ऐसे झांसे से बचें, वरना खाली हो सकता है आपका खाता
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ये नए किस्म की ‘रिक्रूटमेंट-रिवॉर्ड स्कीम’ है, जो लोगों की लालच और भरोसे का फायदा उठाकर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है। ये गिरोह देशभर में फैले हुए हैं और अपने नंबर बदलते रहते हैं जिससे पकड़ में न आ सकें।
बचाव के उपाय
अंजान नंबर या लिंक पर क्लिक न करें
WhatsApp/Telegram पर आए जॉब लिंक से दूर रहें
कोई भी KYC या पेमेंट अज्ञात व्यक्ति को न भेजें
ठगी होते ही तुरंत 1930 पर कॉल करें
गूगल या प्ले स्टोर से सत्यापित ऐप ही डाउनलोड करें