प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- सोशल मीडिया
रामदास आठवले ने भरोसा जताया कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा वापस मिलेगा, हालांकि उन्होंने कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताई। आठवले का कहना था कि यह मांग लंबे समय से उठ रही है और सरकार भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
आठवले ने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था, जो यह दर्शाता है कि लोग लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं और उन्होंने किसी डर के आगे झुकने से इनकार किया। यह देश के कई अन्य राज्यों से भी अधिक था, जो जम्मू-कश्मीर के लोगों की जागरूकता और संकल्प को दर्शाता है।
रामदास आठवले ने यह भी कहा कि जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया था, उस समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया था कि राज्य का दर्जा वापस किया जाएगा। आठवले को विश्वास है कि सरकार निकट भविष्य में इस दिशा में फैसला ले सकती है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा और उन्हें उम्मीद है कि यह निर्णय जल्द आएगा।
जब जम्मू क्षेत्र में हाल ही में आई बाढ़ को लेकर सवाल किया गया, तो आठवले ने बताया कि भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार पहले नुकसान का आकलन करेगी, और इसके आधार पर केंद्र पूरी मदद उपलब्ध कराएगा। बाढ़ जैसी आपदाओं में भी केंद्र राज्य के साथ खड़ा है और पुनर्निर्माण तथा राहत कार्यों में हरसंभव सहायता देगा।
अमित शाह के जम्मू दौरे को लेकर पूछे गए सवाल पर आठवले ने कहा कि जब भी जम्मू-कश्मीर को उनकी जरूरत पड़ी, अमित शाह वहां पहुंचे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि गृह मंत्री का फोकस जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास पर रहा है।
यह भी पढ़ें: सरकार में शामिल होकर भी बेबस जयंत चौधरी! रालोद प्रमुख के बयान ने बढ़ाया सियासी पारा, देखें- VIDEO
इस तरह केंद्रीय मंत्री की बातों से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की दिशा में सकारात्मक सोच से आगे बढ़ रही है। हालांकि समय-सीमा अभी तय नहीं है लेकिन सरकार की मंशा को लेकर संकेत जरूर स्पष्ट हैं।