कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बड़ा खुलासा किया है। इस हमले के सिलसिले में पकड़े गए ओवर ग्राउंड वर्कर से पूछताछ में पता चला है कि आतंकी पहले बैसरन घाटी में नहीं बल्कि कहीं और खून-खराबा करना चाहते थे। लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी इस हमले को अंजाम देने से 2 दिन पहले बैसरन घाटी में मौजूद थे। जबकि आतंकी अपने नापाक इरादों के साथ 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इस हमले के लिए आतंकियों को कुछ स्थानीय लोगों का भी समर्थन हासिल था।
एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बैसरन घाटी के अलावा 3 और जगहों की रेकी की थी। आतंकियों की यहां भी हमला करने की योजना थी। लेकिन सुरक्षा के चलते उनकी योजना नाकाम हो गई। जानकारी के मुताबिक बैसरन के अलावा अरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी आतंकियों के निशाने पर थी। लेकिन सुरक्षा के चलते उनकी योजना कामयाब नहीं हो पाई।
पहलगाम के बैसरन में हत्याकांड को अंजाम देने से पहले आतंकी इलाके में स्थित अरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क या बेताब घाटी में खूनी खेल खेलना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा बलों की मौजूदगी, सुरक्षित भागने के कम विकल्प और भीड़ कम होने के कारण उन्होंने अपना इरादा बदल दिया।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में आतंकियों ने 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इनमें 25 पर्यटक भी थे, जिन्हें गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा गया था। फिलहाल हमले में पांच आतंकियों के शामिल होने का पता चला है। इनमें दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी हैं।
पहलगाम हमले से जुड़ी सभी ख़बरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
जांच एजेंसियों ने अब तक 2600 संदिग्ध तत्वों से पूछताछ की है और कथित तौर पर उनमें से 188 को हिरासत में लिया है। इनके अलावा 20 ओवरग्राउंड वर्कर भी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके बारे में कहा जा रहा है कि मारे गए आतंकी जुनैद के अलावा ये बैसरन हमले में शामिल आतंकियों के संपर्क में रहे हैं।