भारतीय सेना ने आतंकवाद की खात्मा करने के लिए उठाया कदम (सोर्स:-सोशल मीडिया)
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकवादी गतिविधियों के पर कमान करने के लिए भारतीय सेना अब एक नई रणनीति बना रही है, जिससे आतंकवादियों की जम्मू-कश्मीर में राह मुश्किल होने वाली है। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) के साथ मिलकर स्थानीय समुदायों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) को प्रशिक्षित करने की पहल शुरू की है।
बात इस पहल का उद्देश्य की करें तो भारतीय सेना इस पहल के माध्यम से नागरिकों को अपने गांवों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कौशल सिखाने वाली है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा संरचना मजबूत होगी।
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भारतीय सेना ने वर्तमान में लगभग 600 जवान स्वचालित राइफलों के संचालन, स्क्वाड पोस्ट अभ्यास और लघु रणनीति का प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण उनके गांवों के पास इकाई स्तर पर दिया जा रहा है, ताकि वीडीजी वास्तविक परिस्थितियों में अपने कौशल को तुरंत लागू कर सकें। प्रत्येक वीडीजी इकाई को कम से कम तीन दिनों का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण का नेतृत्व भारतीय सेना की विभिन्न इकाइयों द्वारा किया जा रहा है, जबकि प्रशिक्षण और प्रशिक्षण उपकरण भी कोर बैटल स्कूल, सरोल द्वारा प्रदान किए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वीडीजी को अनुभवी और कुशल कर्मियों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे उनके कौशल में और वृद्धि होती है।
इसके साथ ही सेना के आयुध डिपो और जेकेपी के समन्वय से वीडीजी को सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) भी उपलब्ध कराई जा रही है। ये राइफलें वीडीजी के लिए महत्वपूर्ण हथियार हैं, जिससे वे और अधिक सशक्त बनेंगे। यह पहल जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत ग्राम रक्षा रक्षकों (वीडीजी) को स्वचालित हथियारों के साथ-साथ सामरिक संचालन का विशेष ज्ञान दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य आतंकवादी खतरों का मुकाबला करते हुए स्थानीय स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह पहल जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुरोध पर शुरू की गई है और इसमें अच्छी प्रगति हुई है। अब तक राजौरी क्षेत्र में लगभग 500 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि डोडा और किश्तवाड़ क्षेत्रों में 85-90 अतिरिक्त लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
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