रवीश कुमार जन्मदिन विशेष (सौ.सोशल मीडिया)
Ravish Kumar Birthday: जैसे ही टीवी न्यूज की दुनिया में जाने-पहचाने चेहरे रवीश कुमार का नाम सुनने में आता है तो वहीं प्राइम टाइम की चर्चा छिड़ने लगती है। वैसे तो कवि और टीवी के प्रमुख प्रस्तोता कहे जाने वाले रवीश कुमार का नाता एनडीटीवी (NDTV) से जुड़ा था। लेकिन हाल ही के दिनों में उन्होने इस संस्थान से इस्तीफा देकर उन्हें चौंका दिया।रवीश कुमार साल 1996 में एनडीटीवी से जुड़े थे और तभी से चैनल के साथ थे। वैसे तो इस शख्सियत की चर्चा एनडीटीवी के साथ ही होती है लेकिन रवीश कुमार के रूप में देश के पास एक कवि भी है। चलिए जानते हैं इनके जीने का सफर।
यहां पर रवीश कुमार (Ravish Kumar) मूल रूप से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी के रहने वाले हैं। इनका जन्म 5 दिसंबर 1974 को हुआ था। उन्होनें अपनी पढ़ाई पटना के लोयोला हाईस्कूल से हुई। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गए। यहां दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसी दौरान उनके शिक्षकों ने उन्हें पत्रकारिता में जाने की सलाह दी। रवीश कुमार ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) में दाखिला ले लिया, लेकिन कोर्स पूरा नहीं कर पाया। एनडीटी के साथ दशकों के साथ जुड़ने से ‘रवीश की रिपोर्ट’, ‘हम लोग’, ‘देश की बात’ और ‘प्राइम टाइम’ (Prime Time) जैसे खासा प्रोग्राम चर्चा में रहे है।
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यहां पर बताया जाता है कि,रवीश कुमार ने दसवीं कक्षा के दौरान बड़े कारनामे किए थे। पहले उनका नाम रवीश कुमार पांडेय था लेकिन उन्होंने कक्षा 10वीं में अपना नाम बदल दिया थासिर्फ रवीश कुमार लिखने लगे। रवीश कुमार अपने कई इंटरव्यू में इसकी वजह बताते हुए कहते हैं कि उन्होंने अपने गांव में जातिगत भेदभाव को बहुत करीब से देखा-महसूस किया था। इसी वजह से सरनेम हटाने का फैसला ले लिया था। बताया जाता है कि, उन्होंने 7 साल के लंबे अफेयर के बाद शादी की थी।
वो पत्रकार जिसने प्रधानमंत्री को दी मिड्डे मिल खाने की चुनौती
रवीश कुमार अपनी धारदार पत्रकारिता और देसी लहजे के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मिड्डे मिल खाने की चुनौती दे डाली थी। हालांकि भले उन्हें अब लेफ्ट विंग का पत्रकार कहा जाता है, लेकिन उन्होंने जन सरोकार की पत्रकारिता से एक अलग मुकाम हांसिल किया है।