मंदिर में घी या तेल कौन सा दीपक जलाना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया )
Puja Niyam: सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा बिना दीपक के पूरी नहीं मानी जाती है। मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है। कहते हैं भगवान के सामने जलने वाला दीपक हमारे मन के अंधकार को भी दूर करता है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि का संचार करता है।
लेकिन अगर दीपक को जलाने को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना हम सबके लिए बेहद जरूरी है। वरना आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं पाएगा। तो चलिए जानते हैं कि मंदिर में दीपक की सही दिशा कौनसी है और घी या तेल में कौनसा दीया जलाना शुभ होता है।
आप घी या तेल दोनों में से कोई भी दीपक जला सकते हैं लेकिन घी का काफी शुद्ध माना जाता है। अगर गाय का घी मिल जाएं तो उसकी का दीपक जलाएं क्योंकि यह सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
हर दिन घी का दीपक जलाने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। कहते हैं कि घी का दीपक जलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। घी का दीपक घर से पितृ दोष को भी दूर करता है।
हर किसी के घर में घी उपलब्ध नहीं होता है तो ऐसे में तेल का दीपक भी जलाया जा सकता है। तिल के तेल का दीपक जलाना फलदायी माना जाता है। तिल वाले तेल का दीपक सदैव देवी या देवता के बाएं रखना चाहिए। तेल के दीपक को मंदिर में जलाने से सभी मनोकामना की पूर्ति होती है।
मंदिर में न खंडित देवी-देवता की मूर्ति रखें और न ही दीया जलाएं। पूजा करते समय दीपक को भगवान की प्रतिमा के ठीक सामने रखना चाहिए। वहीं अगर दीपक घी का है तो उसे अपने बाएं तरफ रखें और तेल वाले दीपक को दाई ओर रखें।
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धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मंदिर में दीपक को पश्चिम की तरफ कभी भी नहीं रखना चाहिए, इससे आपके घर में पैसों से जुड़ी परेशानी आ सकती है। घर में हर शाम को मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं आपके घर में मां लक्ष्मी का वास रहेगा।
तेल वाले दीपक में हमेशा लाल बाती रखें
घी के दीपक में रुई की बाती को शुभ माना गया है
खंडित दीपक कभी भी न जलाएं
प्रतिमा के पीछे या इधर-उधर दीपक नहीं रखें