संयुक्त राष्ट्र दिवस 2024 (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: आज यानी गुरुवार 24 अक्टूबर 2024 को पूरी दुनिया संयुक्त राष्ट्र दिवस मना रही है। यही वजह है कि आज हम संयुक्त राष्ट्र की स्थापना क्यों हुई थी? इस बार इसकी थीम क्या है? और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना जिन उद्देश्यों और उम्मीदों के साथ की गई थी क्या वह उन पर खरा उतर पा रहा है? इन सारे सवालों के जवाब तलाशेंगे।
साल 1945 में दुनिया दूसरे विश्वयुद्ध की त्रासदी झेल चुकी थी या यूं कहें कि झेल रही थी। जापान तबाह हो चुका था और अमेरिका सुपर पॉवर के तौर पर सामने आया था। सुपर पॉवर निरंकुश न हो जाए या फिर छोटे देशों को बड़े देश निगल न जाएं और दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध जैसी त्रासदी फिर से न झेलनी पड़े इसके लिए 51 देश आगे आए और 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई। तब से हर साल 24 अक्टूबर को यह दिन मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम समावेशी विकास के लिए सतत समाधान रखी गई है।
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वास्तव में संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में शामिल सदस्य देशों की संख्या 193 है। संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद, संयुक्त राष्ट्र ट्रस्टीशिप परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और संयुक्त राष्ट्र सचिवालय इसके 6 महत्वपूर्ण अंग हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए भयंकर विनाश और परमाणु हमले के कारण पूरी दुनिया पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। ऐसे में भविष्य में और कोई विश्व युद्ध न हो और पूरी दुनिया में शांति बनी रहे, इसके लिए 50 देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की। इसके बाद आने वाले समय में अन्य देश भी संयुक्त राष्ट्र में शामिल होते गए और आज इसके सदस्य देशों की संख्या 193 हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करना और विश्व शांति को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को रोकना है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करना भी संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य है। संयुक्त राष्ट्र दो देशों के बीच अच्छे संबंध बनाने की दिशा में भी काम करता है। यह संगठन अंतरराष्ट्रीय सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय समस्याओं को सुलझाने और मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। संयुक्त राष्ट्र पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा के लिए भी कई कदम उठाता है।
ऊपर आपने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के कारण और उसके उद्देश्यों को भली-भांति पढ़ा होगा। लेकिन क्या वह उन पर खरा उतर रहा है यह बड़ा प्रश्न है। बीते दो सालों का परिदृश्य देखें तो चाहे रूस यूक्रेन वार हो या फिर मिडिल ईस्ट में मची तबाही इस बात की ओर इशारा है कि यूएन उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर रहा है।
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