
देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Election Result : महाराष्ट्र में 288 नगर परिषदों के चुनाव के लिए आज सुबह (21 दिसंबर) से मतगणना शुरू हो गई। शुरुआती रुझानों के अनुसार महायुति गठबंधन ने 200 का आंकड़ा पार कर लिया है और अब 213 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, राज्य की 246 नगर परिषदों और 42 नगर परिषदों के शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि भाजपा वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी है। कुल मिलाकर, महायुति की जीत की ओर बढ़त स्पष्ट नजर आ रही है।
प्रारंभिक रुझानों के मुताबिक भाजपा 128, शिवसेना 52, एनसीपी 33, कांग्रेस 35, शिवसेना यूबीटी 9, एनसीपी एसपी 8 सीटों पर आगे है। वहीं स्थानीय मोर्चा 22 सीटों पर बढ़त बनाते दिख रहे है।
चुनाव परिणामों के अनुसार, भाजपा ने तीन सीटें निर्विरोध जीत ली थीं। आज के नतीजे आगामी नगर निगम चुनावों के लिए भी निर्णायक साबित होंगे। महाराष्ट्र में कौन सी पार्टी किस पार्टी के साथ गठबंधन करेगी और स्थानीय स्तर पर सीटों का बंटवारा जैसे महत्वपूर्ण निर्णय इस चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेंगे।
येओला नगर परिषद के चुनाव में छगन भुजबल का जादू आज भी बरकरार रहा। विजयाश्री ने अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उन्हें चुनाव जितवाया। शनिवार (20 दिसंबर) को होने वाले दूसरे चरण का मतदान पहले चरण के साथ ही होगा और सभी नगर परिषदों के परिणाम एक साथ घोषित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने चुनाव के दौरान आक्रामक प्रचार किया। इस बार मौजूदा गठबंधन टूटकर नए गठबंधन बने। महायुति गठबंधन में भागीदार भाजपा और शिवसेना ने सिंधुदुर्ग, सतारा, धर्मशाला, पालघर और ठाणे जैसे कई जिलों में एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे।
वहीं कोल्हापुर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी (एसीपी) एक साथ दिखाई दिए। कुछ अन्य क्षेत्रों में कांग्रेस के गुट भाजपा के साथ जुड़े, जबकि विदर्भ के अधिकांश क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला देखा गया।
भाजपा ने राज्य के 27 शहरों में उम्मीदवार उतारे, जबकि कांग्रेस ने 22 सीटों पर चुनाव लड़ा और 18 सीटों पर भाजपा के साथ सीधी टक्कर में रही। शिवसेना ने 13 शहरों में और शिवसेना (यूबीटी) ने आठ शहरों में चुनाव लड़ा। एनसीपी एसपी ने छह शहरों में और एनसीपी ने सात सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जिससे कई जगहों पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला।
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चुनाव में भाजपा और शिवसेना के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिली। शिंदे ने अपने सहयोगियों को “गठबंधन धर्म का पालन करने” की सलाह दी, जबकि फडणवीस ने महागठबंधन को 70-75 प्रतिशत सीटों पर जीत का भरोसा जताया।
इन परिणामों को सभी राजनीतिक दलों की ताकत और भविष्य में बेहतर अवसर की तलाश में दल बदलने वाले नेताओं के लिए जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा, विजयी उम्मीदवार नगर निगम और बाद में जिला परिषद चुनाव जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रेरित होंगे। महाराष्ट्र में महायुति की बढ़त और भाजपा की ताकत दोनों ही राजनीतिक समीकरणों को नया आकार देने वाली हैं।






