
PM मोदी
PM Modi in Assam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम के डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक उर्वरक प्लांट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और असम के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज असम और पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रूगढ़ ने लंबे समय से जिसका इंतजार किया था, वह सपना अब पूरा हो रहा है। आज इस क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। असम अब विकास की एक नई रफ्तार पकड़ चुका है। यह सिर्फ एक शुरुआत है, हमें असम को बहुत आगे ले जाना है।”
प्रधानमंत्री ने असम को “वीरों की धरती” बताया और राज्य की जनता के उत्साह को सराहा। उन्होंने यह भी कहा कि पंडाल में मौजूद लोगों से कहीं अधिक संख्या में लोग बाहर खड़े हैं, जो असमवासियों के विश्वास और समर्पण को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने असम को ऐतिहासिक संदर्भ में याद करते हुए कहा कि “अहोम साम्राज्य के समय असम की भूमिका बहुत अहम थी, और आज के विकसित भारत में भी असम को फिर से ताकतवर और प्रमुख भूमि बनाना है।” उन्होंने राज्य में नए उद्योगों, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, कृषि क्षेत्र में नए अवसरों और श्रमिकों की उन्नति के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया। इसके अलावा, असम में पर्यटन क्षेत्र की बढ़ती संभावनाओं पर भी प्रधानमंत्री ने जोर दिया और कहा कि राज्य हर क्षेत्र में विकास कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने किसानो की अहमियत को उजागर करते हुए कहा कि “विकसित भारत के निर्माण में किसानों और अन्नदाताओं की भूमिका सबसे अहम है।” उन्होंने सरकार की किसानों के हित में किए गए कामों का जिक्र किया और कहा कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनका लाभ देशभर के किसानों तक पहुंच रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौरान खाद्य उत्पादन और उर्वरक के मामलों में कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “नामरूप दशकों तक खाद उत्पादन का बड़ा केंद्र था, लेकिन कांग्रेस के शासन में पुरानी तकनीक के कारण कई उर्वरक फैक्ट्रियां बंद हो गईं, और इसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर पड़ा।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज डबल इंजन की सरकार कांग्रेस द्वारा छोड़ी गई समस्याओं का समाधान कर रही है। उन्होंने यूरिया के लिए किसानों को लंबी लाइनों में खड़ा होने की कठिनाइयों का जिक्र किया और कहा कि अब सरकार उन हालातों को बदलने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने कई नए उर्वरक प्लांट शुरू किए हैं, जैसे गोरखपुर, सिंदरी, बरौनी और रामागुंडम। इसके परिणामस्वरूप भारत अब यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आंकड़े प्रस्तुत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में भारत में 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 306 लाख मीट्रिक टन हो चुका है। हालांकि, देश की जरूरत 380 लाख मीट्रिक टन यूरिया की है और इस अंतर को जल्द पूरा करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।






