केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, फोटो: सोशल मीडिया
Amit Shah On Demographic Change: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इसे एक “सोची-समझी साजिश” करार देते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बॉर्डर से 30 किलोमीटर के भीतर जो भी लोग अवैध रूप से बसे हैं, उन्हें तत्काल बेदखल किया जाए। उनका कहना है कि कुछ लोग जानबूझकर इन इलाकों में बस रहे हैं, ताकि क्षेत्र की डेमोग्राफी को बदला जा सके।
यह बयान मंगलवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में आया, जहां शाह ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) से जुड़े जिलों के कलेक्टरों, सीमावर्ती राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कई बार अवैध धार्मिक स्थल बनाकर भी इलाके की जनसंख्या संरचना को बदला जाता है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मुद्दे को गंभीरता से ले चुके हैं। उन्होंने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से दिए गए भाषण में भी सीमावर्ती इलाकों में अवैध घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर देश का ध्यान खींचा था। शाह ने इस रणनीति को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया।
गृह मंत्री ने गुजरात का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे राज्य सरकार ने समुद्री और जमीनी सीमाओं के पास अवैध कब्जों को हटाया है। उन्होंने कहा कि यह न सोचा जाए कि यह बदलाव प्राकृतिक या भौगोलिक कारणों से हो रहा है, बल्कि यह एक साजिश का हिस्सा है, जिसे समय रहते रोकना होगा।
Inaugurated the two-day workshop on the Vibrant Villages Program attended by officials of the border districts. The Modi government launched this program to prevent outward migration from the border villages and 100 percent saturation of schemes. Instructed the officials to evict… pic.twitter.com/LijXUuh9ma
— Amit Shah (@AmitShah) August 26, 2025
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में अमित शाह ने यह भी कहा कि प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गांवों में बुनियादी ढांचा विकसित हुआ है, जिससे न केवल वहां के जीवनस्तर में सुधार आया है, बल्कि संस्कृति के संरक्षण और पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन भी हुआ है। अब इन गांवों को ‘सुरक्षा के उपकरण’ के रूप में विकसित करने की जरूरत है।
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गृह मंत्री ने जिला कलेक्टरों और CAPF अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गांवों में डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करें, ताकि सेना और CAPF की दूध जैसी आवश्यकताओं को स्थानीय स्तर पर पूरा किया जा सके और रोजगार के नए अवसर पैदा हों। शाह ने दोहराया कि सीमाओं की सुरक्षा केवल सैन्य इंतजामों से नहीं, बल्कि जनसंख्या संतुलन और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस दिशा में अधिकारियों को सक्रिय होकर कार्य करने की आवश्यकता है।