
'भारत टैक्सी' ऐप (सोर्स- सोशल मीडिया)
Government Bharat Taxi App: केंद्र सरकार कमर्शियल वाहन चालकों को निजी कैब कंपनियों की निर्भरता से आजाद कराने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ‘भारत टैक्सी’ मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना की घोषणा की है। यह ऐप ‘जीरो कमीशन मॉडल’ पर आधारित होगा, जिससे ड्राइवरों को उनकी पूरी कमाई मिलेगी और यात्रियों को भी पारदर्शी किराया मिलेगा। इस सहकारी-नेतृत्व वाले प्लेटफॉर्म से कैब सेवा क्षेत्र में बड़ी प्रतिस्पर्धा आने की उम्मीद है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में एक बेहद अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार ‘भारत टैक्सी’ नाम से एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का मुख्य उद्देश्य देश के कमर्शियल व्हीकल ड्राइवरों को ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों पर अपनी निर्भरता से मुक्त कराना है।
लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में, अमित शाह ने बताया कि ‘भारत टैक्सी’ डिजिटल ऐप का संचालन ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड’ द्वारा किया जाएगा। यह संस्था एमएससीएस अधिनियम 2002 के तहत पंजीकृत एक बहु-राज्य सहकारी समिति है और इसे 6 जून 2025 को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा। सरकार का यह कदम देश के ड्राइवरों को सशक्त बनाने और उन्हें सीधे लाभ पहुंचाने के लिए एक सहकारी-नेतृत्व वाला डिजिटल मोबिलिटी प्लेटफॉर्म देने पर केंद्रित है।
‘भारत टैक्सी’ ऐप की सबसे बड़ी और खास बात इसका ‘शून्य कमीशन मॉडल’ है। इस मॉडल के तहत, कैब ड्राइवरों को हर सवारी से होने वाली पूरी कमाई मिलेगी। उन्हें किसी भी तरह का कोई कमीशन निजी ऐप कंपनियों को नहीं देना पड़ेगा। सहकारी समिति का जो भी मुनाफा होगा, वह भी सीधे ड्राइवरों में ही बांटा जाएगा। इस पारदर्शी मूल्य निर्धारण मॉडल को ड्राइवर और यात्री, दोनों के लिए फायदेमंद बताया गया है।
यात्रियों के लिए इस ऐप में कई आकर्षक सुविधाएं होंगी। इनमें मोबाइल फोन पर आसान बुकिंग, पूरी तरह से पारदर्शी किराया प्रणाली, लाइव लोकेशन ट्रैकिंग, सुरक्षित और सत्यापित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय और समावेशी गतिशीलता के लिए बहुभाषी इंटरफेस शामिल हैं। इसके अलावा, तकनीक-सक्षम सहायता और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए चौबीसों घंटे ग्राहक सेवा भी उपलब्ध रहेगी।
इस नए प्लेटफॉर्म के बाजार में आने से प्राइवेट कैब सेवा देने वाली कंपनियों को निश्चित रूप से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। सबसे पहले ‘भारत-टैक्सी‘ का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से शुरू किया जाएगा। शुरुआती चरण में, लगभग 650 ड्राइवर और उनके वाहन इस परियोजना का हिस्सा बनेंगे।
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दिल्ली में सफल परीक्षण के बाद, इसे दिसंबर से धीरे-धीरे पूरे देश के अन्य प्रमुख शहरों में लागू किया जाएगा। अनुमान है कि इस विस्तार के दौरान लगभग 5000 ड्राइवर इस नई और महत्वाकांक्षी सेवा से जुड़ जाएंगे। सरकार की यह पहल कैब ड्राइवरों के आर्थिक सशक्तिकरण और यात्रियों को एक पारदर्शी, सुरक्षित और किफायती यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकती है।






