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– सीमा कुमारी
देश के कई राज्यों में इस वक्त आकाशीय बिजली के चलते कई हादसे हुए हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश, राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने से बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई है। दरअसल, आकाशीय बिजली का गिरना प्राकृतिक आपदा है और इसका पूर्व आंकलन नहीं किया जा सकता। लेकिन, फिर भी कुछ सावधानियां बरती जाएं तो जान- माल की सुरक्षा हो सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बिजली गिरते वक्त बाहर हैं तो किसी इमारत में शेल्टर लें। अगर वहां बिल्डिंग नहीं हैं तो कार, किसी वाहन या कठोर परत वाली जगह के नीचे चले जाएं। पेड़ सुरक्षा का बेहतर विकल्प नहीं हैं, क्योंकि वे बिजली को अपनी ओर खींच सकते हैं।
अगर किसी पानी वाली जगह हैं तो तुरंत बाहर निकलने की कोशिश करें। पानी में छोटी नाव, स्विमिंग पूल, झील, नदी या जल के किसी भी अन्य स्रोत में नाव आदि पर सवार हैं, तो तुरंत वहां से निकल जाएं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि, बच्चों को बिजली के किसी भी उपकरण से दूर रखें। मोबाइल चार्ज या किसी अन्य उपकरण को प्लग करने के साथ उसका इस्तेमाल बिल्कुल न करें। ज्यादा देर तक बिजली कड़कती है तो स्थानीय राहत और बचाव एजेंसी से संपर्क साध सकते हैं। अगर बिजली चली भी जाए तो भी इलेक्ट्रिक उपकरणों या स्विच को बार-बार न छूएं।
खिड़कियों, दरवाजे और बरामदे में भी न जाएं। घर में किसी धातु के पाइप को भी न छूएं। हाथ धोने या शॉवर का उपयोग न करें। ऐसे वक्त बर्तन या कपड़े धोने का जोखिम भी न मोल लें।
बहरहाल, हर साल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन लोगों को इससे बचने के उपाय बताकर जागरूक करता है। अगर आसमान में बिजली कड़क रही है और आप घर के बाहर हैं तो सबसे पहले सुरक्षित जगह तक पहुंचने का प्रयास करें। तुरंत पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टावर आदि से दूर हट जाएं। खुले आसमान में हैं तो अपने हाथों को कानों पर रख लें, ताकि बिजली की तेज आवाज से कान के पर्दे न फट जाएं। अपनी दोनों एडियों को जोड़कर जमीन पर पर उकड़ू बैठ जाएं। इस प्रकार काफी हद तक आकाशीय बिजली से बचाव हो सकता है।