अजित डोभाल (फोटो-सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्कः भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। LOC से पाक आधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक किया है। इस स्ट्राइक में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह तीसरी बार है, जब आतंकियों को पाकिस्तान में घुसकर भारत ने मारा है। पाकिस्तान में घुसने की शुरुआत थल सेना ने की थी, 2016 में उरी आतंकी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। इसके बाद पुलवामा के जवाब में एयर स्ट्राइक फिर पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में (ऑपरेशन सिंदूर) के तहत एयर स्ट्राइक किया गया है।
भारत ने जब भी पाकिस्तान में स्ट्राइक किया, इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अहम भूमिका निभाई है। याद होगा कि 22 अप्रैल को जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ बैठकी की थी।
15 दिन बाद पहलगाम का बदला
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लांच किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और POK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। इसमें 90 से 100 आतंकियों को मारे जाने की सूचना है। इस ऑपरेशन में आतंकियों को चुन-चुन कर निशाना बनाया है। न किसी सिविलयन और न ही सैनिकों को टारगेट किया गया है।
Operation Sindoor की प्लानिंग से लेकर अंजाम देने तक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसकी मॉनिटरिंग की। यह एयर स्ट्राइक 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले का बदला है। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी।
रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय बलों ने उन आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया है, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया था। कुल मिलाकर नौ जगहों को निशाना बनाया गया है। हमारी कार्रवाई केंद्रित, पहले से तय और प्रकृति में गैर-उग्र रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया है।
पुलवामा आतंकी हमले का बदला बालाकोट स्ट्राइक
2019 में 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकवादियों ने CRPF के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन ने ली थी। इसका बदला लेने के लिए अजित डोभाल ने एयर स्ट्राइक प्लान किया था। क्योंकि इससे पहले भारत सर्जिकल स्ट्राइक कर चुका था। पुलवामा आतंकी हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में एयरफोर्स ने स्ट्राइक कर आतंक के आकाओं की नींद उड़ा दी।
भारतीय एयरफोर्स के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में आतंकी ठिकानों को बम से तबाह किया। यह हमला तड़के सुबह किया गया, ताकि नागरिकों को नुकसान न हो। यह पहली बार था जब भारत ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से भी आगे जाकर हवाई हमला किया। यह ऑपरेशन में डोभाल की देखरेख में हुआ था।
सर्जिकल स्ट्राइक कर सेना ने लिया था अपना बदला
18 सिंतबर 2016 को भारतीय थल सेना ने बॉर्डर पार कर सर्जिकल ऑपरेशन किया था। ये सर्जिकल स्ट्राइक उरी में स्थित सेना के कैंप पर आतंकी हमले का जवाब था। उरी आतंकी हमले में सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद पीए मोदी ने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
तब पहली बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने का फैसला लिया था। सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना के कुछ चुनिंदा जवान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसे और आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर सुरक्षित लौट आए।
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डोभाल की भूमिका
अब बात अजित डोभाल की। प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने 2014 में अजित डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था। डोभाल को NSA नियुक्त करने की वजह है कि वह RAW एजेंट के रूप में पाकिस्तान के अंदर भारत के लिए सेवाएं दे चुके हैं। जब 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाया तो वह अजित डोभाल ही थे, जिन्होंने युद्ध व जांच के बजाय स्ट्राइक का रास्ता चुना।
पाकिस्तान के अंदर तीनों स्ट्राइक में जवानों से लेकर हथियारों के प्रयोग में अजित डोभाल ने अहम भूमिका निभाते हैं। इतना ही नहीं हर ऑपरेशन की प्लानिंग से कर खत्म होने तक डोभाल की पूरी जिम्मेदारी होती है। अभी तक NSA के रूप में डोभाल पाकिस्तान के खिलाफ 3 स्ट्राइक करने में सफल रहे हैं।