रेवंत रेड्डी, एमके स्टालिन व जयराम रमेश (सोर्स- सोशल मीडिया)
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को चेन्नई में परिसीमन पर राज्यों की पहली बैठक बुलाई। बैठक के दौरान एमके स्टालिन ने सुझाव दिया कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन वर्तमान जनसंख्या के अनुसार नहीं होना चाहिए, उन्होंने तर्क दिया कि राज्य के विशिष्ट विचारों को व्यक्त करने के लिए संसद में पर्याप्त प्रतिनिधित्व की आवश्यकता है। इसी बैठक में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि दक्षिण भारत जनसंख्या आधारित परिसीमन को स्वीकार नहीं करेगा।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि आज देश एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। भाजपा जनसांख्यिकीय दंड की नीति लागू कर रही है। हम एक देश हैं, हम इसका सम्मान करते हैं। लेकिन हम इस प्रस्तावित परिसीमन को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि यह हमें राजनीतिक रूप से सीमित कर देगा। उन्होंने कहा कि यह हमें एक प्रदर्शनकारी राज्य होने की सजा देगा। हमें भाजपा को किसी भी अनुचित परिसीमन को लागू करने से रोकना होगा।
जनसंख्या नियंत्रण हमारे देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एजेंडा है। मजबूत भारत के निर्माण की दिशा में हमारा योगदान रहा है, केवल जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन उन राज्यों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप अपनी जनसंख्या वृद्धि दर को कम करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि हमारे देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि निकाय में सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए जनसंख्या ही एकमात्र मानदंड नहीं होनी चाहिए। मेरा सुझाव है कि केंद्र सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर किसी भी संदेह को दूर करने के लिए सभी दलों के साथ विस्तृत चर्चा करे, जिसका हमारे लोकतंत्र पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है।
परिसीमन विवाद पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि बिना नई जनगणना के परिसीमन नहीं किया जा सकता। अटल बिहारी वाजपेयी ने संविधान में संशोधन करके कहा था कि 2026 यानी 2031 के बाद पहली जनगणना पूरी होने तक परिसीमन स्थगित रहेगा। यह उनका 2002 में किया गया संविधान संशोधन था। इसलिए परिसीमन को 1971 की जनसंख्या के स्तर पर स्थिर रखा गया।
#WATCH | Delhi: On delimitation row, Congress MP Jairam Ramesh says, “Delimitation cannot be done without a fresh census. Atal Bihari Bajpai amended the Constitution to say that the delimitation will be postponed till we complete the first census after 2026, which means 2031.… pic.twitter.com/cJ5BfHC3QK — ANI (@ANI) March 22, 2025
जयराम रमेश ने पूछा, चार साल बीत चुके हैं। जनगणना कब होगी? आपको महिला आरक्षण और लोकसभा सीटों के वितरण के लिए परिसीमन की आवश्यकता है। आप परिवार नियोजन में सफलता के लिए राज्यों को दंडित नहीं कर सकते। ऐसे कई राज्य हैं जो सीटें खो देंगे। यदि हम 2025 की अनुमानित जनसंख्या को लें, तो कई राज्य अपना प्रतिनिधित्व खो देंगे।