
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी
Congress Leader Sonia Gandhi on MGNREGA: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह बेहद अफसोस की बात है कि सरकार ने गरीबों की जीवनरेखा मानी जाने वाली मनरेगा योजना पर बुलडोजर चला दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र में बिना किसी गंभीर चर्चा के मनरेगा की जगह वीबी-जीरामजी बिल पास करवा लिया गया। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि न सिर्फ इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया गया, बल्कि इसका पूरा स्वरूप ही बिना विपक्ष को विश्वास में लिए मनमाने ढंग से बदल दिया गया है।
सोनिया गांधी ने जनता को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह कानून आम सहमति से बना था। इसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार का कानूनी हक दिया, पलायन रोका और पंचायतों को ताकत दी। लेकिन पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने इसे लगातार कमजोर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जिस योजना ने कोविड जैसे मुश्किल वक्त में गरीबों और मजदूरों के लिए संजीवनी का काम किया, उसे अब खत्म करने की साजिश रची गई है। यह सीधा गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सोनिया गांधी ने साफ कहा कि नए कानून में अब यह दिल्ली में बैठकर तय होगा कि किसे, कहां और कितना काम मिलेगा। जमीनी हकीकत को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने मनरेगा को कभी पार्टी का मुद्दा नहीं माना, यह हमेशा देशहित और जनहित का फैसला था। सोनिया गांधी ने हुंकार भरते हुए कहा कि जैसे 20 साल पहले उन्होंने गरीब भाई-बहनों के रोजगार के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही आज भी इस फैसले के खिलाफ वे और उनके लाखों कार्यकर्ता पूरी ताकत से लड़ने के लिए तैयार हैं।
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दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार ने एक ही रात में मनरेगा के 20 वर्षों को ध्वस्त कर दिया। राहुल ने कहा कि नया वीबी-जीरामजी विधेयक पूरी तरह से गांवों और राज्यों के खिलाफ है। यह मजदूरों की मोलभाव करने की ताकत को खत्म कर देगा और अधिकार आधारित गारंटी को एक सीमित योजना में बदल देगा। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार को यह बिल वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी मोर्चा तैयार किया जाएगा।






