शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर निकले किसान
नई दिल्ली : अब से कुछ देर पहले पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कुच कर चुके हैं। आज पंजाब के 101 किसानों का एक जत्था फिर दिल्ली की तरफ कूच किया है। लेकिन बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच बहस हो रही है। किसानों क् इस मार्च को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
जानकारी दें कि, बीते शुक्रवार को किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना मार्च पुलिस के लाठीचार्ज के बाद स्थगित कर दिया था। वहीं शनिवार को भी अपनी मांगों के समर्थन में किसान शंभू बॉर्डर पर डटे रहे और आंदोलन जारी रखा था।
#WATCH | Farmers begin their “Dilli Chalo’ march from the Haryana-Punjab Shambhu Border, protesting over various demands. pic.twitter.com/9EHUU2Xt1j
— ANI (@ANI) December 8, 2024
देश की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
जानकारी हो कि, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं, वे केंद्र पर अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत शुरू करने का भी दबाव बना रहे हैं। इस बाबत पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को कहा था कि किसानों को उनके मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई भी संदेश नहीं मिला है।
इधर किसानों के मार्च से कुछ समय पहले ही हरियाणा सरकार ने बीते शुक्रवार से ही अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ (एक साथ कई एमएसएस भेजने की सुविधा) सेवा को आगामी 9 दिसंबर तक निलंबित कर दिया।
उत्तर प्रदेश की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
बता दें कि, प्रदर्शनकारी किसानों ने इससे पहले बीते 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था।
गौरतलब है कि, किसान इस बार MSP के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)