भुवनेश्वर एम्स (सोर्स- सोशल मीडिया)
Balasore Harassment Case: ओडिशा में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न से परेशान होकर खुद को आग लगाने वाली छात्रा की मौत हो गई है। इस मामले में कॉलेज प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने राज्य सरकार से उन परिस्थितियों पर रिपोर्ट मांगी है जिनके कारण कॉलेज छात्रा ने आत्मदाह का सहारा लिया।
ओडिशा में आत्मदाह की कोशिश करने वाली छात्रा की भुवनेश्वर एम्स में मौत हो गई। पीड़िता ने पहले भी आत्मदाह की कोशिश की थी, वह कॉलेज में एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न से परेशान थी। लेकिन अब 20 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई है, डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी।
डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी थी, पहले उसे बालासोर के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी हालत देखते हुए उसे एम्स में स्थानांतरित कर दिया गया। अब जब पीड़िता की मौत हो गई है, तो एम्स भुवनेश्वर ने भी एक बयान जारी किया है।
बयान में कहा गया है कि पीड़िता को बर्न्स सेंटर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहाँ उसे पहले IV द्रव, IV एंटीबायोटिक्स, इंट्यूबेट और फिर मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया। बर्न्स आईसीयू में गुर्दे की रिप्लेसमेंट थेरेपी और अन्य उपचार के भी पूरे प्रयास किए गए, लेकिन छात्रा की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे बचाया नहीं जा सका।
फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को शनिवार को बी.एड. छात्रा द्वारा खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद निलंबित कर दिया गया। छात्रा ने आरोप लगाया था कि कॉलेज की ही एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न की उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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वहीं, राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने निलंबन आदेश में कहा कि प्रिंसिपल मामले को ठीक से संभालने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे। इसके अलावा उन पर शिक्षा विभाग की प्रमुख समीरा कुमार साहू को बचाने का आरोप है, जिन्हें पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।