
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक (सोर्स- सोशल मीडिया)
CWC Meeting: मनरेगा का नाम बदलकर ‘वीबी जी राम जी’ करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। शनिवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि पार्टी 5 जनवरी से देशभर में इसके खिलाफ व्यापक अभियान चलाएगी। खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें ‘गांधी’ सरनेम से दिक्कत है, इसलिए मनरेगा से राष्ट्रपिता का नाम हटाया गया है।
यूपीए सरकार की पहचान रही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह अब ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी ‘VB G RAM G’ ने ले लिया है। संसद के शीतकालीन सत्र में पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। कांग्रेस का आरोप है कि मनरेगा का नाम बदलने का फैसला कैबिनेट और राज्यों से बिना पूछे ही लिया गया है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ‘वन मैन शो’ की तरह चल रही है और प्रधानमंत्री जो चाहते हैं, वही करते हैं।
बैठक में राहुल गांधी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं थी, बल्कि यह अधिकार पर आधारित एक अवधारणा (राइट बेस्ड कॉन्सेप्ट) थी। इसके जरिए देश के करोड़ों लोगों को न्यूनतम आय की गारंटी मिलती थी। उन्होंने कहा कि मनरेगा को बंद करना सीधे तौर पर गरीबों के अधिकारों पर आक्रमण है।
राहुल के मुताबिक, यह पैसा राज्यों से छीनकर केंद्र सरकार अपने पास रख रही है, जो शक्तियों और वित्त का संकुचन है। खड़गे ने याद दिलाया कि यह कानून सोनिया गांधी की टीम ने तैयार किया था और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे लागू किया था, जिससे लाखों परिवारों को भरण-पोषण मिला। अगर मनरेगा नहीं होता तो लाखों लोग भूख से मर जाते।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब सरकार दावा करती है कि भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, तो फिर गरीबों की जीवनरेखा मानी जाने वाली इस योजना को क्यों बंद किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास अमीरों का कर्ज माफ करने और अंबानी-अडानी के लिए तो पैसा है, लेकिन मजदूरों को देने के लिए खजाना खाली है। यह सरकार पूरी तरह से अमीरों के साथ खड़ी है और गरीबों को कुचलने का काम कर रही है। गांधी नाम हटाने को उन्होंने राष्ट्रपिता का अपमान बताया और कहा कि सरकार को केवल गांधी परिवार ही नहीं, बल्कि महात्मा गांधी के नाम से भी परेशानी है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में खड़गे ने एक और गंभीर मुद्दे पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों को कम करने की एक सुनियोजित साजिश है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करें कि गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स के नाम लिस्ट से न हटें। यह बैठक बिहार चुनाव में मिली हार के बाद पहली बड़ी बैठक थी, जिसमें कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत पीसीसी अध्यक्ष भी शामिल हुए।
यह भी पढ़ें: पोस्ट नई है…दर्द कई हैं! दिग्विजय सिंह क्यों दिखा रहे ‘बागी’ तेवर? यह रही उनके दर्द की असली वजह
खास बात यह रही कि पिछली दो बैठकों से नदारद रहने वाले शशि थरूर भी इस बार चर्चा में शामिल हुए। बैठक में मुख्य रूप से नए ‘जी राम जी बिल’ पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह हर हाल में मनरेगा की रक्षा करेगी और मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष करेगी। कांग्रेस का मानना है कि यह नया कानून गरीबों को दबाने के लिए लाया गया है और पार्टी इसके खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठाएगी।






