
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, (फाइल फोटो)
Sam Pitroda On Rahul Gandhi: ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी के हालिया जर्मनी दौरे, भारत में लोकतंत्र की स्थिति, संस्थानों के कथित वेपनाइजेशन समेत कई संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। मीडिया से बातचीत में सैम पित्रोदा ने न सिर्फ सत्ता पक्ष के आरोपों को गलत करार दिया, बल्कि यह भी दावा किया कि विदेश दौरों के दौरान राहुल गांधी पर भारतीय दूतावास के लोग नजर रखते हैं और कई बार विदेशी नेताओं को उनसे न मिलने के लिए कहा जाता है।
सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी के जर्मनी दौरे की टाइमिंग पर उठे सवालों को खारिज करते हुए कहा कि विदेश यात्राएं अचानक नहीं होतीं, बल्कि महीनों पहले तय होती हैं। उन्होंने बताया कि जर्मनी दौरे का मुख्य उद्देश्य प्रोग्रेसिव अलायंस की बैठक थी, जिसमें करीब 110 देशों की डेमोक्रेटिक पार्टियां शामिल होती हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में हर वक्त कुछ न कुछ अहम चलता ही रहता है। संसद हो या देश का कोई और हिस्सा, इसलिए टाइमिंग को लेकर सवाल हमेशा उठेंगे।
राहुल गांधी पर विदेश जाकर भारत विरोधी बयान देने के आरोपों पर सैम पित्रोदा ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में जो आप भारत में कहते हैं, वहीं इंटरनेशनल हो जाता है और जो बाहर कहते हैं, वही नेशनल। सच देश में बोले या विदेश में, सच तो सच होता है। डबल स्टैंडर्ड नहीं हो सकते। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस यह मानती है कि संस्थानों पर कब्जा हो रहा है, मीडिया मैनिपुलेटेड है और सिविल सोसाइटी को कमजोर किया जा रहा है, तो यह बात भारत में भी कही जाएगी और विदेश में भी।
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सैम पित्रोदा ने दावा किया कि राहुल गांधी के विदेशी दौरों के दौरान भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने खुद देखा है कि होटल से लेकर मीटिंग्स तक, एयरपोर्ट पर लोग हमें देखते रहते हैं। हमें बताया गया कि कई बार दूतावास लोगों को फोन करके कहता है कि वे राहुल गांधी से न मिलें। लिखित सबूत नहीं है, लेकिन अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। उन्होंने इसे सरकार की तरफ से जासूसी जैसा कदम बताया, हालांकि यह भी जोड़ा कि कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं है।






