
पीएम मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार।
Government Scheme: नीतीश सरकार की ओर से बिहार के लोगों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर योजना हाशिये पर जा रही है। इस साल जुलाई के बाद से पीएम सूर्य घर योजना के प्रति लोगों का रुझान 78 प्रतिशत तक घटा है। पटना जिले में इस योजना के लिए 1,995 ऑनलाइन आवेदन हुए हैं। इनमें से 904 लाभुकों के घरों पर सोलर पैनल लग चुके हैं। 869 लाभुकों को सरकारी अनुदान की राशि भी मिल चुकी है।
125 यूनिट मुफ्त बिजली लागू होने से पहले हर महीने पीएम सूर्य घर योजना के लिए 70-75 आवेदन आ रहे थे। अब संख्या घटकर 16-17 रह गई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने जुलाई से सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। साथ ही न्यूनतम सर्विस चार्ज समाप्त कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने जनवरी 2024 से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए पीएम सूर्य घर योजना लागू की थी। इसके तहत एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक के घरेलू बिजली कनेक्शन धारकों को सोलर पैनल लगाने पर 30 हजार से 78 हजार तक की अनुदान राशि दी जाती है।
पीएम सूर्य घर योजना के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए बिजली विभाग नई पहल करने जा रहा। जिले के चारों बिजली सेक्शन में योजना का लाभ लेकर अपने घर में सोलर पैनल लगवाने और मासिक बिजली खर्च शून्य करने वाले उपभोक्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। हर सेक्शन से 10-10 लाभार्थियों का चयन कर विशेष सम्मेलन में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। विभाग मान रहा है कि इससे आम लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। योजना के प्रति जागरुकता बढ़ेगी। योजना के तहत घरेलू उपभोक्ता 3 किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाकर सरकारी अनुदान का लाभ ले सकते हैं। एक किलोवाट सोलर प्लांट की कुल लागत 70 हजार रुपये होती है। इसमें सरकार 30 हजार रुपये का अनुदान देती है।
दो किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट की लागत 1.40 लाख रुपये होती है। इसमें 60 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। 3 किलोवाट सोलर प्लांट की कुल लागत 2.10 लाख रुपये है। इस पर 78 हजार रुपये का सरकारी अनुदान दिया जाता है। पीएम सूर्य घर योजना के लिए दो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। बिजली विभाग का सुविधा ऐप और पीएम सूर्य घर योजना का राष्ट्रीय पोर्टल। आवेदन के लिए आधार कार्ड और बिजली बिल अपलोड करना होता है। आवेदन बाद लाभुक को वेंडर का चयन करना होता है, जो घर पर सोलर पैनल लगाता है। वह पांच साल तक उसका मेंटेनेंस करता है। योजना के तहत डीसीआर (घरेलू कंपनी) के सोलर पैनल लगाए जाते हैं, जो सामान्य सोलर प्लांट की तुलना में महंगे होते हैं।
यह भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार का सियासी दांव, बिहार के युवाओं के लिए कर दिया बड़ा ऐलान
सोलर प्लांट चालू होने के एक सप्ताह के भीतर अनुदान राशि सीधे लाभुक को मिल जाती है। शेष राशि लाभुक को स्वयं अदा करनी होती है। कोई लाभुक एकमुश्त भुगतान नहीं कर सकता तो बैंक के माध्यम से 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। अनुदान का लाभ केवल उन घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनके बिजली कनेक्शन की क्षमता के बराबर सोलर प्लांट लगाया जा सके। यह अधिकतम तीन किलोवाट तक होगा।






