जवाहर लाल नेहरू, निशिकात दुंबे और पीएम मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ 5 कड़े फैसले लिये हैं, जिसमें से एक सिंधू जल समझौता भी है। इस जल संधि को तोड़ने पर भाजपा सांसद निशिकांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर इस संधि को लेकर निशाना साधा। सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए सांसद ने कहा कि अब पाकिस्तान पानी के लिए तड़प-तड़प कर मरेगा। यही 56 इंच का सीना है।
पहलगाम हमले के बाद सरकार द्वारा सिंधु जल समझौता तोड़ने सहित चार अन्य राजनयिक फैसलों का स्वागत करते हुए निशिकांत दुबे ने इसे निर्णाय व एतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा की दिशा में उठाया गया यह मजबूत कदम है।
‘नोबेल के लिए नेहरू ने सांप को पिलाया पानी’
अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भाजपा सांसद ने लिखा कि “सॉंप को पानी पिलाने वाले समझौते के नायक नेहरु जी जिन्होंने 1960 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के चक्कर में सिंधु,रावी,व्यास,चिनाब,सतलुज का हमारा पानी पिलाकर हिंदुस्तानी का ख़ून बहाया, आज मोदी जी दाना पानी बंद कर दिया। बिना पानी के पाकिस्तानी मरेंगे यह है 56 इंच का सीना ।हुक्का,पानी,दाना पानी बंद,हम सनातनी भाजपा के कार्यकर्ता हैं,तड़पा तड़पा के मारेंगे।”
सॉंप को पानी पिलाने वाले समझौते के नायक नेहरु जी जिन्होंने 1960 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के चक्कर में सिंधु,रावी,व्यास,चिनाब,सतलुज का हमारा पानी पिलाकर हिंदुस्तानी का ख़ून बहाया,आज मोदी जी दाना पानी बंद कर दिया ।बिना पानी के पाकिस्तानी मरेंगे यह है 56 इंच का सीना…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 23, 2025
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सिंधु जल संधि क्या है?
1960 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में यह संधि हुई थी। इसके तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) पर पूर्ण अधिकार मिला। पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब) का उपयोग करने की अनुमति दी गई। हालांकि भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं की अनुमति भी दी गई थी, जिससे पाकिस्तान को आशंका रहती रही है कि भारत जल प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।