नवाज शरीफ और शहबाज शरीफ(फोटो-सोशल मीडिया)
लाहौर: भारत के ड्रोन और मिसाइलों ने पाकिस्तान को पस्त कर दिया है। इसके बाद भी LoC पर सीजफायर का उल्लंघन कर ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ का उदाहरण पेश कर रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि परमाणु बम की गीदड़भभकी देने वाला पाकिस्तान अब भारत से संपर्क की कोशिश कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा दिल्ली के साथ तनाव को कम करने के लिए अनौपचारिक संपर्क को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि पाकिस्तान की आवाम और सैन्य नेतृत्व सैन्य संघर्ष चाहता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ गुरुवार देर शाम प्रधानमंत्री आवास पर हुई सुरक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान नावाज ने अपने छोटे भाई तथा मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भारत के साथ कूटनीतिक रूप से तनाव कम करने की सलाह दी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध जैसे हालात
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में बुधवार को भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। आतंकी हमले के तार सीमा पार से जुड़े थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों पर हमला करने की असफल कोशिश की। दैनिक समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने कहा कि नवाज शरीफ चाहते हैं कि सरकार दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध राजनयिक संसाधनों का उपयोग करे।
नवाज शरीफ ने कहा-भारत के प्रति नरम रुख अपनाएं
नवाज शरीफ ने कहा कि मैं (भारत के खिलाफ) आक्रामक रुख अपनाने के पक्ष में नहीं हूं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि नवाज शरीफ दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए लंदन से पाकिस्तान लौट आए हैं। वह पर्दे के पीछे से काम कर रहे थे। दोनों देशों के बीच अनौपचारिक संपर्क को मजबूत करने के लिये वह गुरुवार को (बैठक में शामिल हो कर) सामने आए। अखबार के मुताबिक नवाज शरीफ ने भारत-पाकिस्तान तनाव का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री आवास में बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। अखबार ने बताया कि उनके पास कोई सरकारी विभाग नहीं है, इसलिए उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार के प्रमुख की हैसियत से बैठक में हिस्सा लिया।
पाकिस्तानी संसद में सेना के समर्थन पास हुआ था प्रस्ताव
नवाज शरीफ 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री थे। इस बीच शुक्रवार को नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से भारत के प्रति पाकिस्तान की सैन्य प्रतिक्रिया का समर्थन किया और इसे राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन बताया। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की खबर के अनुसार, “विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने सशस्त्र बलों के समर्थन में एकजुटता दिखाई तथा देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए उनके दृढ़ कार्यों की सराहना की।”