मुंबई के प्रेमनगर में कूड़े-कचरे का अंबार, लोग गंदगी से होकर चलने पर मजबूर
Mumbai Garbage Problem: स्वच्छ मुंबई अभियान के नाम पर बीएमसी लाखों रुपए खर्च कर रही है। झोपड़पट्टियों में दत्तक बस्ती के तहत सफाई कर्मियों को रखा गया है, लेकिन स्वच्छता मिशन पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। मुंबई में गोरेगांव (पश्चिम) के प्रेमनगर इलाके में गंदगी का अंबार लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है।
स्वच्छ मुंबई अभियान के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद यहां की स्थिति दयनीय है। विश्वकर्मा रोड पर हर थोड़ी दूरी पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। नालियों में भरे कचरे और जगह-जगह पानी भराव ने राहगीरों और स्थानीय लोगों का जीवन कठिन बना दिया है।
करीब 15 हजार झोपड़पट्टियों में रहने वाले 28 हजार से ज्यादा लोग इस गंदगी से जूझ रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि कचरा पेटियां रखी तो गई हैं, लेकिन नियमित निपटान न होने से आसपास का कचरा सड़कों पर फैल जाता है।
बदबू और मच्छरों के कारण बीमारियां फैलने लगी हैं। सफाईकर्मी भी कभी-कभार ही दिखाई देते हैं। कई परिवार अपने पैसों से मजदूर बुलाकर गलियों की सफाई करवा रहे हैं।
रहिवासियों ने बीएमसी से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय नेताओं ने भी अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की, मगर नतीजा अब तक शून्य रहा। बीएमसी ने कुछ महीने पहले सफाई अभियान चलाया था, लेकिन उसकी निरंतरता न रहने से अब हालात और खराब हो चुके हैं।
स्थानीय निवासी अखिलेश यादव ने कहा कि प्रेम नगर में जगह जगह गंदगी का ढेर आम जनजीवन के लिए नासूर बन चुका है। यहां पर कई महीनों से गंदगी फैली हुई है, जिससे नहीं सिर्फ स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि मुंबई शहर की छवि भी खराब हो रही है।
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संतलाल विश्वकर्मा ने कहा कि इस सड़क से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग गुजरते हैं और उन्हें इस गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है। बीएमसी की ओर से रखी गई कचरा पेटी अब गंदगी का अड्डा बन चुकी है। कचरा
पांचूराम जायसवाल ने कहा कि यहां की स्वच्छता व्यवस्था गंभीर सवालों के घेरे में है। कई स्थानों पर महीनों से कचरे का ढेर जमा हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों की जीवनशैली प्रभावित हो रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि नहीं होने से बीएमसी अधिकारी हमारी शिकायतों को नहीं सुनते हैं।