मरियम नवाज ने बिलावल को दी चेतावनी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Pakistan News Hindi: पाकिस्तान की राजनीति में मरियम नवाज और बिलावल भुट्टो के बीच विवाद गरमा गया है। पीपीपी के नेता बिलावल ने पंजाब में मरियम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, तो मरियम ने जवाब में कहा कि बाढ़ जैसी समस्या को राजनीतिक बनाकर उंगली उठाओगे तो उंगली तोड़ दूंगी।
रैली में उन्होंने कहा कि पंजाब बाढ़ से जूझ रहा है और उनकी सरकार उसे ठीक करने में लगी है, अगर कोई निजी हमला करना चाहे तो कर ले लेकिन बाढ़ पर राजनीति करने की हिमाकत करेगा तो सख्ती से निपटूंगी। उसको छोड़ा नहीं जाएगा।
नेशनल असेंबली में मरियम नवाज के हालिया बयान से तहलका मच गया है। पीपीपी के सांसदों ने उनसे तुरंत माफी मांगने का दबाव बनाया, यह कहते हुए कि राजनीतिक मुद्दों पर हिंसा या अपशब्दों का कोई स्थान नहीं है। सांसदों का कहना है कि मरियम द्वारा बिलावल भुट्टो के लिए उपयोग किए गए शब्द अनुचित थे। दूसरी ओर, पंजाब सरकार और उनकी पार्टी इस मामले को ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहती। उनका फोकस बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति सुधारने और संसाधनों को उपलब्ध कराने पर है।
मरियम नवाज की पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो की पीपीपी अभी गठबंधन में हैं, लेकिन उनके बीच विवाद गंभीर रूप ले चुका है। बिलावल चाहते हैं कि उनकी मां बेनजीर भुट्टो के नाम पर बनाई गई आपात फंड व्यवस्था को फिर से सुदृढ़ किया जाए और सारे पैसे उसमें जमा किए जाएं जिसके बाद सरकार इसे सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाए। मरियम इसे स्वीकार नहीं कर रही हैं और उन्होंने इस योजना को पूरी तरह खारिज कर दिया।
वर्तमान में पंजाब में बाढ़ से 20 लाख लोग बेघर हो चुके हैं और 3600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राहत और पुनर्वास के लिए सरकार के सामने बड़ी चुनौती है। अब तक मरियम की सरकार ने कोई राहत पैकेज घोषित नहीं किया, जिससे सवाल उठ रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर यह मुद्दा ज्यादा उठे तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
यह भी पढ़ें:- बुआलोई तूफान ने मचाया कहर, वियतनाम में अब तक 51 की मौत… 14 लोग अब भी लापता
बिलावल की नजर खासतौर पर पंजाब पर है, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और नेशनल असेंबली में सबसे ज्यादा सीटें देता है। फिलहाल पीपीपी के पास सिर्फ सिंध और बलूचिस्तान की सरकार है। अगर पंजाब में उन्हें बढ़त मिलती है, तो उनकी पार्टी पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है।