नाशिक न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Nashik News In Hindi: ‘किसानों के अच्छे दिन आएंगे’ यह किसानों के लिए एक प्रार्थना और आशा है, जिसमें वे अच्छी बारिश, अच्छी फसल और अच्छी आय की उम्मीद करते है। लेकिन इस साल बारिश ने किसानों को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि किसानों के अच्छे दिन कब आएंगे।
नाशिक राजस्व संभाग के कई तहसीलों में भारी बारिश ने अपने अतिम चरण में भारी नुकसान पहुंचाया है। बारिश ने किसानों के हाथों में जो फसल आ गई थी, उसे भी छीन लिया है और करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है।
सरकार को प्रारंभिक क्षति रिपोर्ट से पता चला है कि नाशिक राजस्व सबाग में 3 लाख 59 हजार 393 किसानों की लगभग 10 लाख 23 हजार 143।27 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, अकेले नाशिक जिले में 2 लाख 79 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है।
सरकार ने अब तक लगभग 25 प्रतिशत पंचनामा भी कर लिया है और इस काम ने अब गति पकड़ ली है। आपदा पीड़ितों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली दो हजार करोड़ रुपये की राशि में वृद्धि की मांग भी जोर पकड़ रही है। मराठवाड़ा और अन्य स्थानों पर पशुधन की हानि के कारण, कृषि के पूरक डेयरी और मुर्गी पालन व्यवसाय भी सकट में है। इजराइली तकनीक की आवश्यकता भारत आज भी एक कृषि प्रधान देश है।
उत्तर महाराष्ट्र और पश्चिम महाराष्ट्र में बड़ी सख्या में प्रयोगात्मक किसान है, लेकिन पिछले एक दशक से किसान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे है। अब किसानों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी तेजी से विकसित हो रही तकनीकों की ओर बढ़ने की जरूरत है।
इजराइल ने जल संकट जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए ड्रिप सिंचाई, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण और सटीक खेती जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके कृषि में क्रांति ला दी है।
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प्रभाग में अतिवृष्टि के कारण अहिल्यानगर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। अहिल्यानगर जिले में 1266 गांवों के 8 लाख 26 हजार 258 किसानों की लगभग 5 लाख 62 हजार 978.75 हेक्टेयर भूमि पर फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। नाशिक जिले में 1,594 गांवों के 3 लाख 3,953 किसानों की भी इतनी ही यानी 5 लाख 62 हजार 978.75 हेक्टेयर भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं, जलगांव जिले में 841 गांवों के 2 लाख 9,273 किसानों की 1 लाख 64 हजार 551.77 हेक्टेयर भूमि पर फसलों का नुकसान दर्ज किया गया है। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि बारिश ने राजस्व सबाग के किसानों की रीढ़ तोड़ दी है। नाशिक राजस्व संभाग में मक्का, सोयाबीन, चावल, कपास, सब्जियां, अगूर, प्याज, अनार, शरीफा, गन्ना, बाजरा, ज्यार और अरहर की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई है।