नवभारत न्यूज़ नेटवर्क
Godse not killed Gandhi: मंगलवार को पूरे देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76 वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने यह दावा कर सनसनी फैला दी कि महात्मा गांधी की मौत नाथूराम गोडसे की पिस्तौल से चली गोली से नहीं हुई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस मामले की ठीक से जांच नहीं होने के कारण नेहरू परिवार को इसका राजनीतिक फायदा हुआ था। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने सावरकर के इस बयान पर निशाना साधा है। विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि रंजीत सावरकर 100 किताबें लिख लें, वे महात्मा गांधी के योगदान को मिटा नहीं सकते हैं। गांधी की हत्या किस प्रवृत्ति के लोगों ने किया था। इस पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। किसी की किताब इतिहास में लिखे सच को मिटा नहीं सकती।
क्या है रंजीत सावरकर का दावा
रंजीत का दावा है कि गोली नाथूराम गोडसे के पिस्तौल से नहीं चली थी, लेकिन इससे पहले भी नाथूराम ने गांधी को कई बार मारने का प्रयास किया था। यह भी इतिहास में दर्ज है। इसे कैसे भुलाया जा सकता है। वडेट्टीवार ने कहा कि जब गांधी की हत्या की गई तब देश के बंटवारे का कोई विषय नहीं था। फिर गोली क्यों चलाई गई। उन्होंने कहा कि रंजीत सावरकर चाहे कितनी भी किताबें लिख कर दावा करें लेकिन इतिहास के सच पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। महात्मा गांधी की हत्या गोडसे ने की थी और यही सच है। इतिहास में दर्ज सच के मुताबिक गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गोडसे आतंकवादी था और आगे भी रहेगा
महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि नाथूराम गोडसे देश का पहला आतंकवादी था, जिसने निहत्थे महात्मा गांधी पर गोली चलाई थी। गांधी ने इस देश के बहुजनों को सत्ता दिलाई और उन्हें न्याय दिलाया। इसका गुस्सा इन लोगों के मन में था। इससे पहले गांधी को मारने की 7 बार कोशिश की गई थी। ये सारे प्रयास नाथूराम गोडसे ने किए थे। एक बात तय है कि जो पाप गोडसे ने किया, इससे उन्हें छुटकारा नहीं मिल सकता है। अतुल ने कहा कि इस देश के राष्ट्रपिता की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे हमारे लिए आतंकवादी था और आगे भी रहेगा।