प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (फोटो- सोशल मीडिया)
PM Modi on 130th constitutional amendment bill: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को संविधान के 130वें संशोधन विधेयक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि गंभीर अपराधों में शामिल होने पर मंत्रियों को पद से हटाने वाले इस बिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद के लिए किसी भी तरह की छूट लेने से साफ इनकार कर दिया था। रिजिजू के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि वह भी देश के एक नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।
इस बात की जानकारी तब सामने आई, जब सरकार तीन नए विधेयक लेकर आई है। ये विधेयक हैं- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक। इन विधेयकों का उद्देश्य राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता लाना है, ताकि दागी नेताओं को पद से हटाया जा सके। रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक में सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया था कि प्रधानमंत्री को इस विधेयक के दायरे से बाहर रखा जाए।
किरेन रिजिजू ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कैबिनेट से साफ कहा था कि वह विधेयक से प्रधानमंत्री को बाहर रखने की सिफारिशों को मंजूर नहीं करते। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए किसी तरह का अपवाद नहीं होना चाहिए। उनका मानना है कि एक प्रधानमंत्री भी देश का एक आम नागरिक है और उसे कोई विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। रिजिजू ने आगे कहा कि देश में ज्यादातर मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हैं, लेकिन अगर वे भी कुछ गलत करते हैं तो उन्हें भी अपना पद छोड़ना होगा। नैतिकता का राजनीति में बहुत महत्व है।
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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी ऐसे आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है, जिसमें कम से कम 5 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है और वह लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, तो उसे एक महीने के भीतर अपने पद से इस्तीफा देना होगा। रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्ष भी नैतिकता को केंद्र में रखकर इस विधेयक का स्वागत करता तो यह देश के लिए एक बहुत बड़ा कदम होता।