
नबन्ना अभियान रैली
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सरकार और जनता दोनों दो टुकड़े में बट गई है। ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी मामले के विरोध में आज पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ नबन्ना मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए पथरबाजी भी की। पुलिस का कहना है कि अनियंत्रित भीड़ को काबू में करने के लिए प्रशासन द्वारा वाटर कैनन और आंसू गैसे का इस्तेमाल किया गया। वहीं प्रदर्शनकारियों छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज भी किए गए।
प्रशासन के रिएक्शन का विरोध जताते हुए बीजेपी नेता सुकांता मजूमदार ने कल सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बंगाल बंद का अह्वान किया। जिसपर सीएम बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि ‘बंगाल में कल कोई बंद नहीं, सभी को दफ्तर आना होगा।’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘सरकार बुधवार को किसी बंद की अनुमति नहीं देगी। हम लोगों से अपील करते हैं कि इसमें भाग नहीं लें। सामान्य जनजीवन अप्रभावित रहे, इसके लिए सरकार सभी कदम उठाएगी।” उन्होंने कहा कि परिवहन सेवाएं यथावत संचालित होंगी और दुकानों, बाजारों तथा अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों से खुले रहने को कहा गया है। साथ ही राज्य सरकार के कर्मचारियों से भी दफ्तर आने को कहा गया है।
प्रदर्शनकारी हाथ में देश का झंडा थाम कर नबन्ना के उत्तरी गेट पर पहुंचे। जहां उन्होंने ममता सरकार के इस्तीफे की मांग की। हालांकि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इतने पर भी जब बात नहीं बनी तो कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं मौजूद लोगों को वहां से भगाने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया गया। हालांकि इन सब में कुछ पुलिसों को भी चोट आई है। हालांकि प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसे बर्ताव को लेकर बीजेपी ने विरोध जताया है।
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भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों से निपटने में पुलिस की कथित ज्यादती की आलोचना करते हुए कहा, “दीदी के पश्चिम बंगाल में बलात्कारियों एवं अपराधियों की मदद करने को महत्व दिया जाता है।” उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि “कोलकाता से पुलिस की बर्बरता की तस्वीरें हर उस व्यक्ति को गुस्सा दिलाती हैं जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों को महत्व देता है। दीदी के पश्चिम बंगाल में बलात्कारियों और अपराधियों की मदद करना सम्मान की बात है, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा के लिए बोलना अपराध है।” वहीं पुलिस TMC ने इसे बीजेपी द्वारा रची गई अराजकता बताई है।
एजेंसी इनपुट के साथ






